Gusl – Ummate Nabi ﷺ https://ummat-e-nabi.com Quran Hadees Quotes Mon, 23 Oct 2023 11:34:10 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.3 https://ummat-e-nabi.com/wp-content/uploads/2023/09/favicon-96x96.png Gusl – Ummate Nabi ﷺ https://ummat-e-nabi.com 32 32 179279570 7 रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा https://ummat-e-nabi.com/7-rabi-ul-akhir/ https://ummat-e-nabi.com/7-rabi-ul-akhir/#respond Mon, 23 Oct 2023 11:15:05 +0000 https://ummat-e-nabi.com/?p=27136 7 Rabi ul Akhir sirf panch miniute ka madarsaसफा पहाड़ पर इस्लाम की दावत, रेडियम में अल्लाह की कुदरत, हज किन लोगों पर फर्ज है ?, गुस्ल करने का सुन्नत तरीका, नर्म मिज़ाजी इख्तियार करना, सूद खाने का अजाब, दुनिया के पीछे भागने का वबाल, जहन्नम का जोश, अगर कोई फासिक खबर लाये तो तहक़ीक़ किया करो ...

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7 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

सफा पहाड़ पर इस्लाम की दावत

नुबुव्वत मिलने के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन साल तक पोशीदा तौर पर दीन की दावत देते रहे, फिर अल्लाह तआला की तरफ से हुजूर (ﷺ) को खुल्लमखुल्ला इस्लाम की दावत देने का हुक्म हुआ, इस हुक्म के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सफा पहाड़ की चोटी पर चढ़ कर मक्का के तमाम खानदान वालों को आवाज़ दी, जब सब लोग जमा हो गए, तो आपने फ़रमाया : “ऐ लोगो ! अगर मैं तुमसे यह कहूँ के इस पहाड़ के पीछे एक लश्कर आ रहा है जो अनकरीब तुम पर हमला करने वाला है, तो क्या तुम इस बात का यकीन करोगे?”

सब एक ज़बान हो कर बोले: “क्यों नहीं! आप तो सादिक और अमीन हैं।” फिर आप ने फ़र्माया: “लोगो! एक अल्लाह पर ईमान लाओ और बुतों की इबादत छोड़ दो, मैं तुम को एक सख्त अज़ाब से डराने और आगाह करने आया हूँ, जो बिल्कुल तुम्हारे सामने है।”

यह सुन कर सभी लोग सख्त नाराज हए. उनमें आपका सगा चचा अबू लहब आपके साथ सख्त कलामी से पेश आया, जिस के जवाब में अल्लाह तआला ने अबू लहब और उस की बीवी उम्मे जमील की तबाही के बारे में सूर-ए-लहब नाजिल फरमाई।

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

रेडियम में अल्लाह की कुदरत

अल्लाह तआला ने इस कारखान-ए-आलम में मुख्तलिफ किस्म की कीमती चीजें पैदा फ़रमाई हैं, इन चीजों में एक कीमती चीज़ रेडियम भी है, यह एक चमकती हुइ चीज़ है, जो सोने से कई गुना ज़ियादा कीमती होता है। इसका वजूद पूरी दुनिया में चन्द सेर से ज्यादा नहीं।

इस कीमती जौहर के अन्दर बगैर बिजलीया तेल के इस कद्र चमक किस हस्तीने पैदा फ़रमाई ? बेशक यह अल्लाह तआला ही की कुदरत का करिश्मा है।

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

हज किन लोगों पर फर्ज है ?

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“अल्लाह के वास्ते उन लोगों के जिम्मे बैतुल्लाह का हज करना (फर्ज) है, जो वहाँ तक पहुँचने की ताकत रखते हों।”

📕 सूरह आले इमरान: ९७


4. एक सुन्नत के बारे में

गुस्ल करने का सुन्नत तरीका

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते,
तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते,
फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के लिये वुजू किया जाता है उसी तरह वुजू करते,
फिर पानी लेकर अपनी उंगलियों के जरिये सर के बालों की जड़ों में दाखिल करते,
फिर तीन दफा दोनों हाथ भर कर यके बाद दीगर सर पर पानी डालते,
फिर सारे बदन पर पानी बहाते और सबसे अखीर में दोनों पाँव धोते।

📕 मुस्लिमः १८


5. एक अहेम अमल की फजीलत

नर्म मिज़ाजी इख्तियार करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“क्या मैं तुम को ऐसे शख्स की खबर न दूँ जो दोजख के लिये हराम है और दोज़ख की आग उस पर हराम है? हर ऐसे शख्स पर जो तेज़ मिजाज न हो बल्के नर्म हो, लोगों से क़रीब होने वाला हो, नर्म मिजाज हो।”

📕 तिर्मिज़ी : २४८८


6. एक गुनाह के बारे में

सूद खाने का अजाब

रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के :

“मेराज की शब मेरा गुजर चंद ऐसे लोगों पर हुआ जिन के पेट धड़ों के मानिन्द बड़े बड़े थे, जिस में सांप थे, जो पेट के बाहर से नजर आते थे, मैं ने हज़रत जिब्रईल से पूछा: यह कौन लोग हैं? तो फ़रमाया: यह सूद खाने वाले हैं।”

📕 इब्ने माजाः २२७३


7. दुनिया के बारे में

दुनिया के पीछे भागने का वबाल

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जो शख्स दुनिया के पीछे पड़ जाए, उस का अल्लाह तआला से कोई तअल्लुक़ नहीं और जो (दुनियावी मक्सद के लिये) अपने आप को खुशी से जलील करे, उस का हम से कोई तअल्लुक़ नहीं।”

📕 मोअजमे औसत लित तबरानी: ४७८


8. आख़िरत के बारे में

जहन्नम का जोश

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग (दूर ही से) उस का जोश व खरोश सुनेंगे और जब वह दोज़ख़ की किसी तंग जगह में हाथ पाँव जकड़ कर डाल दिये जाएंगे, तो वहाँ मौत ही मौत पुकारेंगे। (जैसा के मुसीबत में लोग मौत की तमन्ना करते हैं)।”

📕 सूर-ए-फुरकान : १२ ता १३


9. तिब्बे नबवी से इलाज

मिस्वाक के फायदे

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया :

“मिस्वाक मुंह की सफाई और अल्लाह की रज़ामंदी का ज़रिया है।”

📕 नसई : ५, अन आयशा (र.अ)

फायदा : अल्लामा इब्ने कय्यिम मिस्वाक के फवाइद में लिखते हैं, यह दाँतों में चमक पैदा करती है, मसूड़ों में मज़बूती और मुँह की बदबू ख़त्म करती है, जिससे दिमाग़ पाक व साफ हो जाता है। यह बलग़म को काटती है, निगाह को तेज़ और आवाज़ को साफ करती है और भी इस के बहुत से फवाइद हैं।


10. क़ुरान की नसीहत

अगर कोई फासिक खबर लाये तो तहक़ीक़ किया करो

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

“ऐ ईमान वालो! अगर कोई फासिक तुम्हारे पास कोई खबर, लेकर आए, तो उस की तहक़ीक़ कर लिया करो, कहीं ऐसा न हो, के तुम किसी कौम को अपनी ला इल्मी से कोई नुकसान पहुँचादो, फिर तुम को अपने किये पर पछताना पड़े।”

📕 सूरह हुजरात: ६

इंशा अल्लाहुल अजीज़ ! पांच मिनिट मदरसा सीरीज की अगली पोस्ट कल सुबह ८ बजे होगी।

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28 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा https://ummat-e-nabi.com/28-rabi-ul-awal/ https://ummat-e-nabi.com/28-rabi-ul-awal/#respond Sat, 06 Nov 2021 16:04:24 +0000 https://ummat-e-nabi.com/?p=36221 28 Rabi-ul-Awal | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसाहूज़ूर (ﷺ) का शाम का पहेला सफर, गुस्ल के लिये तययम्मुम करना, बुढ़ापे में रिज़्क में बरकत की दुआ, मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत, पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह, क़यामत के दिन लोगों की हालत …

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28 Rabi-ul-Awal | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हूज़ूर (ﷺ) का शाम का पहेला सफर

दादा अब्दुल मुत्तलिब के इन्तेकाल के बाद हुज़ूर (ﷺ) अपने चचा अबू तालिब के साथ रहने लगे। वह अपनी औलाद से ज़्यादा आपसे मुहब्बत करते थे, जब वह तिजारत की गर्ज से शाम जाने लगे तो आप अपने चचा से लिपट गए। अबू तालिब पर इस का बड़ा असर पड़ा और आप को सफर में साथ ले लिया।

इस क़ाफले ने शाम पहुँच कर मकामे बसरा में क़याम किया। यहाँ बुहैरा नामी राहिब रहता था। जो ईसाइयत का बड़ा आलिम था। उसने देखा के बादल आप (ﷺ) पर साया किये हुये हैं और दरख्त की टहनियाँ आप पर झुकी हुई है। फिर उसने अपनी आदत के बर खिलाफ इस काफले की दावत की।

जब लोग दावत में गए, तो आप (ﷺ) को कम उम्र होने की वजह से एक दरख्त के पास बैठा दिया। मगर बुहैरा ने आप (ﷺ) को भी बुलवाया और अपनी गोद में बिठा कर मुहरे नुबुव्वत देखने लगा उन्होंने तौरात व इन्जील में आखरी नबी से मतअल्लिक सारी निशानियों को आपके अन्दर मौजूद पाया।

फिर अबू तालिब से कहा के तुम्हारा भतीजा आखरी नबी बनने वाला है। इन को मुल्के शाम न ले जाना, वरना यहूदी कत्ल की कोशिश करेंगे। इन्हें वापस ले जाओ और यहूद से इन की हिफाज़त करो, चुनान्चे अबू तालिब इस मुख्तसर सी गुफतगू के बाद आप (ﷺ) को ले कर बहिफाजत मक्का मुकर्रमा वापस आ गए।


2. एक फर्ज के बारे में

गुस्ल के लिये तययम्मुम करना

क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है -

"अगर तुम बीमार हो जाओ या सफर में हो या तुम में से कोई शख्स अपनी तबई ज़रूरत (यानी पेशाब पाखाना कर के) आया हो या अपनी बीवी से मिला हो और तुम पानी (के इस्तेमाल की) ताकत न रखते हो, तो ऐसी हालत में तुम पाक मिट्टी का इरादा करो। (यानी तयम्मुम कर लो)।"

📕 सूरह मायदा 5:6

फायदा : अगर किसी पर गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाए और पानी इस्तेमाल करने की ताकत न रखे, तो ऐसी सुरत में गुस्ल के लिए तयम्मुम कर के नमाज पढ़ना फ़र्ज़ है और तयम्मुम का तरीका यह है के दोनो हाथों को जमीन पर मार कर चेहरे पर मसह कर लें फिर जमीन पर मारें और दोनों हाथों पर कोहनियों समेत मसह कर लें।


3. एक सुन्नत के बारे में

बुढ़ापे में रिज़्क में बरकत की दुआ

बुढ़ापे में रिज्क में बरकत के लिये यह दुआ पढ़ें :

( اللهم اجعل أوسع رزقك على عند كبر سنئ وانقطاع غمري )

तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मेरी बड़ी उम्र में अपना रिज्क मुझपर ज़्यादा कर दे।

📕 मुस्तदरक : १९८७. अन आयशा रज़ि०


4. एक अहेम अमल की फजीलत

मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

"दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में जब पानी लग जाता है" तो पूछा गया (दिलों का ज़ंग) कैसे दूर होगा? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया "मौत को खूब याद करने और क़ुरआन पाक की तिलावत से।"

📕 बैहेकी फी शोअबिलईमान: १९५८,अन इब्ने उमर रज़ि०


5. एक गुनाह के बारे में

पाक दामन औरतों पर तोहमत लगाने का गुनाह

क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है -

"जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाते हैं, फिर अपने दावे पर चार गवाह न ला सकें, तो ऐसे लोगों को अस्सी कोड़े लगाओ और आइन्दा कभी उन की गवाही कबूल न करो और यह लोग (सख्त) गुनहगार हैं, मगर जो लोग इस तोहमत के बाद तौबा कर लें और अपनी इस्लाह कर लें, तो बेशक अल्लाह तआला बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है।"

📕 सूरह नूर : ४ ता ५


6. दुनिया के बारे में ohmat

दुनिया वालों का हाल

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

"इन्सान को जब उस का परवरदिगार आजमाता है और उस को इज्जत व नेअमत देता है, तो कहता है के मेरे रब ने मुझ को इज़्ज़त दी और जब रोजी तंग कर के उस को आजमाता है तो कहता है: मेरे रब ने मुझे ज़लील कर दिया।”

📕 सूरह फज़्र : १५ ता १६

खुलासा : इन्सान दुनिया की ज़ाहिरी आराम व आराइश को देख कर उसे इज्जत समझता है, इसी तरह दुनिया की जाहरी मुसीबत व परेशानी को देख कर जिल्लत व रुस्वाई समझता है। जब की असल कामियाबी आख़िरत के ऐतबार से है।


7. आख़िरत के बारे में

क़यामत के दिन लोगों की हालत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

"क़यामत के रोज़ सूरज एक मील के फासले पर होगा और उसकी गर्मी में भी इज़ाफा कर दिया जाएगा, जिस की वजह से लोगों की खोपड़ियों में दिमाग़ इस तरह उबल रहा होगा जिस तरह हाँड़ियाँ जोश मारती हैं, लोग अपने गुनाहों के बक़द्र पसीने में डूबे हुए होंगे, बाज टखनों तक, बाज़ पिंडलियों तक, बाज कमर तक और बाज़ के मुंह में लगाम की तरह होगा।"

📕 मुस्नदे अहमद : २१६८२


8. तिब्बे नबवी से इलाज

दिल की कमज़ोरी का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

"तुम लोग सन्तरे का इस्तेमाल किया करो, क्योंकि यह दिल को मज़बूत बनाता है।"

📕 कंजुल उम्माल : २८२५३

फायदा : मुहद्दिसीन तहरीर फ़रमाते हैं के सन्तरे का जूस पेट की गन्दगी को दूर करता है, क़े और मतली को खत्म करता है और भूक बढ़ाता है।


9. नबी (ﷺ) की नसीहत

दावत देने वाले की दावत कबूल कर लो

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

"दावत देने वाले की दावत कबूल कर लो और हदिया वापस मत करो और मुसलमानों को मत मारो।"

📕 सही इसने हिब्बान: ५६९४

[icon name=”info” prefix=”fas”] इंशा अल्लाहुल अजीज़ ! पांच मिनिट मदरसा सीरीज की अगली पोस्ट कल सुबह ८ बजे होगी।

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