शोहर की ह़ाजत की रिआ़यत करने की अहमियत
पोस्ट 12 :
शोहर की ह़ाजत की रिआ़यत करने की अहमियतअबू हुरैराह रज़िअल्लाहु अ़न्हु से रिवायत है कि,
अल्लाह के रसूल ﷺ ने फ़रमाया:❝ उस जात की क़सम जिस के हाथ में मेरी जान है! जो भी शख़्स़ अपनी बीवी को अपने बिछोने की त़रफ़ बुलाता है और वो उस का इन्कार करती है तो वो (अल्लाह) जो आसमान पर है उस औ़रत से नाराज़ ही रहता है जब तक कि उस का शोहर उस से राज़ी ना हो जाए। ❞
————-J,Salafy————
इल्म हासिल करना हर एक मुसलमान मर्द-और-औरत पर फर्ज़ हैं
(सुनन्ऩ इब्ने माजा ज़िल्द 1, हदीस 224)