मस्जिदुल हरम में कीड़ो के तूफ़ान की हकीकत (Reality of Locusts Swarm in Mecca-Saudi Arabia)

मुसलमानो के सबसे मुक़द्दस मक़ाम मस्जिदुल हराम में कीड़ो का तूफ़ान, जो मरकज़ी दरवाज़ों और दीवारों समेत साथ माले की बिल्डिंग्स और स्कूल तक बिखर गए। आईये देखते है इसकी हकीकत के यह सब हिक्मते अमली या फिर अल्लाह तआला का अज़ाब।

मस्जिदुल हराम में 7 जनवरी को होने वाले इस वाकिये की वीडियोस और तस्वीरें मुसलसल इंटरनेट पर गर्दिश कर रही है, जिसे देख कर बोहोत से लोग ताज्जुब और परेशान है के आखिर ये मामला क्या है क्यूंकि वीडियोस में ये वाजेह तौर पे देखा जा सकता है के टिड्डी नुमा ये कीड़े मस्जिदुल हराम की दीवारों पर बड़ी तादाद में मंडरा के शोर कर रहे है जो दिखने में काफी तकलीफदेह है।

मकामी लोगो ने जब मक्काह गवर्नमेंट से इसके मुताल्लिक जवाब तलब किया तो उन्होंने इसके मुताल्लिक ये वजाहत ट्विटर पर जारी की, के दरहसल २२ टीम्स को जो १२० लोगों पर मुश्तमिल थी इन्हे ख़ास स्प्रे करके इन कीड़ों को फौरी तौर पर तलफ करने के लिए अहकामात दे दिए गए है। ताकि यहाँ मौजूद जाहेरीन की हिफाज़त को यकीनी बनाया जा सके।

✦ कैसे आये हरम में कीड़े ?

दरहसल सऊदी अरब में गुजिस्ता साल यानी साल 2018 में बोहोत ज्यादा गैर मामूली मौसमियाति तब्दीलिया देखने में आयी क्यूंकि इस साल मामूल से ज्यादा बारिशे हुई, अगस्त के महीने में एक हवाई तूफ़ान आया जिससे मस्जिदुल हराम में मौजूद १० जाहेरीन भगदड़ मचने की वजह से ज़ख़्मी भी हुए जबकि खाना ऐ काबा का गिलाफ भी हवा की वजह से लहराता रहा।

इसके आलावा नवंबर में सैलाब आया जबकि इससे पहले फरवरी के महीने में टेनिस बॉल के साइज के जितने हौले भी पड़े थे इसी मौसमियाति तब्दीलियों की बदौलत नमी की वजह से ये कीड़े छुपकर अपनी तादाद बढ़ाना शुरू हो गए तो इनकी इस रिप्रोडक्शन को रोकने की वजह से मस्जिदुल हराम के इन्तेज़ामियाँ ने ये स्प्रे किया ताकि इन्हे इनकी छुपी हुई जगह से बाहेर निकाल कर एक जगह इकट्ठा किया जाये और आसानी से तलफ किया जा सके और ऐसा ही हुआ और ये तमाम कीड़े एक जगह इकट्ठे होकर एक तूफ़ान की सूरत इख़्तियार कर गए और इनकी तकलीफदेह आवाज़ ने लोगों को परेशान कर दिया।

✦ कितने नुकसान देह है यह कीड़े ?

ये कीड़े नुकसान देह बिलकुल नहीं है लेकिन शोर बोहोत ज़्यादा करते है जिन्हे स्प्रे करके मुकम्मल तौर पर साफ़ कर दिया गया है। हो सकता है के इस मौके को गनीमत जानते हुए बोहोत से लोगों को ग़लतफहमी फैलाने का मौका मिल जाये और इसे भी क़यामत की निशानी से जोड़ दे। जैसा की सऊदी अरब के शहर कासिम जाने वाली पाइपलाइन जब सेराह में फट गयी और इससे पानी निकलने लगा तो लोगों ने इसे भी क़यामत की निशानी से जोड़ दिया के सेहरा के अंदर पानी का चशमा निकल आया है। इन्ही चंद लोगों की वजह से मुसलमान तो गुमराह होते ही है साथ साथ गैर मुस्लिम भी हमारा मज़ाक उड़ाते है।

✦ इबरत ?

तो मस्जिदुल हराम में नज़र आने वाला कीड़ो का ये तूफ़ान एक गैर मामूली मौसमीयाती तबदीली का नतीजा है जिसका ज़ाहिर होना कोई हैरत की बात नहीं क्यूंकि अल्लाह ताअला की ज़ात अपने घर की हिफाज़त करना खूब जानती है और चाहे तो सिर्फ परिंदो की मदद से पूरी इंसानी फ़ौज को नेस्तोनाबूद कर सकती है तो फिर ये कीड़े क्या चीज़ है। लिहाजा घबराने की कोई बात नहीं। अल्लाह तआला हमें भी अपने घर की जियारत नसीब फरमाए। अमीन !!!

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