क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है :
“जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।”
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- एक दिन के नफ़ली रोजे का सवाब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "अगर कोई शख्स अल्लाह के वास्ते एक दिन का नफ़ली रोजा रखे और उसके बदले में उस को सारी जमीन भरकर सोना (रोजाना) दिया जाए, तो कयामत के दिन तक भी इस रोजे के सवाब का बदला अदा नहीं हो सकता।" 📕 कंजुल उम्माल:४१५१, अन…
- अहले ईमान का बदला कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: "उन (अहले ईमान और नेक अमल करने वालों) का बदला उन के रब के पास ऐसे हमेशा रहने वाले बाग़ होंगे, जिन के नीचे नहरें बह रही होंगी। यह लोग उन में हमेशा रहेंगे। अल्लाह तआला उन से राज़ी, और वह अल्लाह से खुश…
- कयामत के दिन पूरा पूरा बदला दिया जाएगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जब हम उन लोगों को उस दिन जमा करेंगे, जिस के आने में कोई शक नहीं और हर एक आदमी को उस के आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा और उन पर कोई जुल्म नहीं किया जाएगा।” 📕 सूर:आले इमरान : २५
- आखिरत के मुकाबले में दुनिया से राज़ी होने का वबाल कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "क्या तुम लोग आख़िरत की जिन्दगी के मुकाबले में दुनिया की ज़िन्दगी पर राजी हो गए? दुनिया का माल व मताअ तो आखिरत के मुकाबले में कुछ भी नहीं।" 📕 सूरह तौबा: ३८ यानी मुसलमान के लिये मुनासिब नहीं है के वह दुनिया…
- आखिरत दुनिया से बेहतर है कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “तुम दुनियावी जिंदगी को मुकद्दम रखते हो, हालांके ! आखिरत दुनिया से बेहतर है और बाकी रहने वाली है (इसलिए आखिरत ही की तय्यारी करो)।” 📕 सूरह आला : १६ ता १७
- कुरआन सुनने से रोकने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यह काफिर लोग (एक दूसरे से) कहते हैं के इस कुरआन को मत सुना करो और उस के दौरान शोर मचाया करो, उम्मीद है के इस तरह तुम ग़ालिब आ जाओगे। उन काफिरों को हम सख्त अज़ाब का मज़ा चखाएँगे और यकीनन हम उनको…
- ईद के बाद शव्वाल के 6 रोजे की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: “जो शख्स रमजान के रोजों को रखने के बाद शव्वाल के छ: (६) रोजे भी रखे, तो वह पूरे साल के रोजे रखने के बराबर है। 📕 मुस्लिम : २७५८ फायदा: जो शख्स शव्वाल के पूरे महीने में कभी भी इन 6 रोजों को रखेगा तो वह…