“लोग आपसे पहाड़ों के बारे में सवाल करते हैं।तो आप (ﷺ) फ़र्मा दीजिये के मेरा रब उन को बिल्कुल उड़ा देगा,फिर वह जमीन को हमवार मैदान कर देगा,तुम उस में कोई टेढ़ापन और बुलन्दी नहीं देखोगे।”
पहाड़ों में पानी का जखीरा पहाड़ों में भी अल्लाह तआला की अजीब व गरीब कुदरत कारफ़र्मा है, जब बारिश होती है तो पहाड़ों में पानी के जखीरे जमा हो जाते हैं, फिर थोड़ा थोड़ा कर के चश्मों, नहरों की शक्ल में पानी बहता है, इस तरह जमीन के दूर दराज के मक़ामात तक को सैराब…
बर्फीले पहाड़ों में अल्लाह की कुदरत बाज़ ऊंचे इलाकों और बुलंद पहाड़ों पर सर्द मौसम की वजह से बर्फ जम जाती है और पहाड़ों की चोटी बर्फ से ढक जाती है, जब के ज़मीन की सतह से बुलंद और सूरज के करीब होने की वजह से सख्त गर्मी होनी चाहिए थी और पानी भी ठंडा होने…
पहाड़ों में कुदरत का नमूना पहाड़ों में कुदरत का नमूना अल्लाह तआला ने ज़मीन पर बुलंद और ऊँचे ऊँचे पहाड बनाए, जिस की चोटियों बादलों से भी ऊपर तक पहुंची हुई होती है और फिर उन्हीं पहाड़ों से नदियां, समुंदर, दर्या, मील और मीठे मीठे पानी के ३ चश्मे जारी किये, जिस से तमाम मखलूक…
जमीन पर अकड़ कर मत चलो कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "जमीन पर अकड़ कर मत चलो (क्योंकि) तुम न तो जमीन को फाड़ सकते हो और ना तन कर चलने से पहाड़ों की बुलन्दी तक पहुँच सकते हो।" 📕 सूरह बनी इस्माईल : ३७
कुरआन की तिलावत करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत के दिन अपने साथी (यानी पढ़ने वाले) की शफ़ाअत करेगा।” 📕 मुस्लिम: १८७४
रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला… क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है : "जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।" 📕 सूरह क़सस: 84
कयामत का हौलनाक मंजर कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "(क़यामत का मुन्किर) पूछता है के कयामत का दिन कब आएगा? जिस दिन आँखें पथरा जाएँगी और चाँद बेनूर हो जाएगा और सूरज व चाँद (दोनों बेनूर हो कर) एक हालत पर कर दिये जाएँगे, उस दिन इंसान कहेगा : (क्या) आज कहीं भागने…