कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“जो कुछ भी तुम को दिया गया है, वह सिर्फ चंद रोज़ा ज़िन्दगी के लिये है और वह उस की रौनक है और जो कुछ अल्लाह तआला के पास है, वह इस से कहीं बेहतर और बाकी रहने वाला है। क्या तुम लोग इतनी बात भी नहीं समझते?”
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“जो कुछ भी तुम को दिया गया है, वह सिर्फ चंद रोज़ा ज़िन्दगी के लिये है और वह उस की रौनक है और जो कुछ अल्लाह तआला के पास है, वह इस से कहीं बेहतर और बाकी रहने वाला है। क्या तुम लोग इतनी बात भी नहीं समझते?”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“क्या मैं तुम्हें जन्नती लोगों के बारे में खबर न करूं? सहाबा (र.अ) ने अर्ज किया: जरूर या रसूलल्लाह (ﷺ)!
आप (ﷺ) ने फर्माया: नबी जन्नती है, सिद्दीक जन्नती है और वह आदमी जन्नती है जो सिर्फ अल्लाह की रजा के लिये शहर के दूर दराज इलाके में अपने भाई की जियारत के लिये जाए।“
एक आदमी ने आप (ﷺ) से अर्ज़ किया ऐ अल्लाह के रसूल ! इस्लाम में अल्लाह के नजदीक सबसे ज़ियादा पसन्दीदा अमल क्या है ? आप (ﷺ) ने फर्माया :
“नमाज़ को उस के वक्त पर अदा करना और जो शख्स नमाज़ को (जान बूझ कर) छोड़ दे उसका कोई दीन नहीं है, और नमाज़ दीन का सुतून है।”
हज़रत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के आप (ﷺ) अंधेरे में इस तरह देखते थे, जिस तरह रौशनी और उजाले में देखते थे।
नजरान यमन के एक शहर का नाम है। यहाँ के लोग ईसाई थे। सन ९ हिजरी में रसूलुल्लाह (र.अ) ने … Read More
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :
“ऐ ईमान वालो ! अल्लाह तआला का खूब जिक्र किया करो और सुबह व शाम उस की पाकी बयान किया करो।”
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:
“(क़यामत के दिन) परहेज़गार लोग (जन्नत) के सायों में और चशमों में और पसन्दीदा मेवों में होंगे (उन से कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के बदले में खूब मजे से खाओ पियो, हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं। (और) उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी ख़राबी होगी।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“तुम माल व दौलत जमा न करो, क्योंकि उस की वजह से तुम दुनिया ही की तरफ माइल हो जाओगे।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“अल्लाह तआला लानत करता हैं, उस शख्स पर जो जान बूझ कर किसी के सतर को देखता हो और उस पर भी लानत है जो बिला उज्र सतर दिखलाता हो।”
सतर : इंसान के ढका रहने वाला बदन का हिस्सा, गुप्त अंग
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“कामयाब हो गया वह आदमी जिस ने अपने दिल को ईमान के लिये सफारिश कर दिया और उसे सही सालिम रखा और अपनी जबान को सच्चा बनाया, अपने नफ़्स को नफ्से मुतमइन्ना और अख़्लाक़ को दुरूस्त बनाया और कानों को हक़ बात सुनने का और आँखों को अच्छी चीजों को देखने का आदी बनाया।”
हज़रत अबू हुरैरा (र.अ) फर्माते हैं के मैं ने रसूलुल्लाह (ﷺ) को फर्माते हुए सुना के:
“ख़ुदा की कसम ! मैं दिन में सत्तर से जियादा मर्तबा अल्लाह तआला से तौबा व इस्तिगफार करता हूँ।”
अल्लाह तआला ने मुंह में तरी को पोशीदा रखा है के खाना मुंह में रख कर चबाते वक्त वह तरी पैदा होती है और खाने के साथ मिल कर उसके हज्म होने में मदद करती है, आम हालात में वह तरी हल्की रहती है, जिससे हलकतर रहे और सूखने न पाए, वरना आदमी बात ही न कर सके, अगर तरी बिल्कुल न रहे और मुंह एक दम सूखा रहे तो दम धुटने लगे और इन्सान जिन्दा न रह सके, और अगर तरी खाने के अलावा भी मुंह में पैदा होती रहे तो बात करने में दुश्वारी हो और मुंह खोलना मुशकिल हो जाए।
वह कैसी कुदरत वाली जात है जो खाने के वक़्त में रतूबत को ज़ियादा मिकदार में पैदा करती है और आम हालात में नॉर्मल रखती है।
फतहे मक्का के बाद पूरे अरब में इस्लामी दावत व तब्लीग़ की असल हकीक़त वाजेह हो गई और लोग इस्लाम … Read More
हज़रत अबू जर (र.अ) फर्माते हैं के मुझे मेरे दोस्त रसूलुल्लाह (ﷺ) ने वसिय्यत फर्माई :
“मैं अपने से जियादा मालदार की तरफ न देखू और अपने से कम दर्जा वाले (कम मालदार) की तरफ देखू और ग़रीबों से मुहब्बत और उन के करीब रहने की वसिय्यत फर्माई और सिला रहमी करने की वसिय्यत फ़रमाई अगरचे वह तुमसे पीठ फेरे।”
ग़ज़्व-ए-खन्दक में मारिकीन ने दस हजार का लश्कर ले कर मदीने का मुहासरा कर दोनों तरफ से तीर अन्दाज़ी और … Read More
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “ऐ ईमान वालो! अगर कोई फासिक तुम्हारे पास कोई खबर, लेकर आए, तो … Read More
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है : “जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के : “मेराज की शब मेरा गुजर चंद ऐसे लोगों पर हुआ जिन के पेट धड़ों … Read More
नुबुव्वत मिलने के बाद रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन साल तक पोशीदा तौर पर दीन की दावत देते रहे, फिर अल्लाह तआला … Read More
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है – “जो लोग पाक दामन औरतों पर (ज़िना की) तोहमत लगाते हैं, फिर अपने … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में जब पानी लग जाता है” … Read More
बुढ़ापे में रिज्क में बरकत के लिये यह दुआ पढ़ें : ( اللهم اجعل أوسع رزقك على عند كبر سنئ … Read More
दादा अब्दुल मुत्तलिब के इन्तेकाल के बाद हुज़ूर (ﷺ) अपने चचा अबू तालिब के साथ रहने लगे। वह अपनी औलाद … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “जब तुम में से कोई शख्स जमाई / उबासी ले तो उस को अपना हाथ … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “सिरका क्या ही बेहतरीन सालन है।” 📕 मुस्लिम: ५३५०, अन आयशा रज़ि० फायदा : मुहद्दिसीन हज़रात … Read More
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “अगर जन्नत की कोई औरत ज़मीन वालों की तरफ झाँक ले तो ज़मीन व आसमान के … Read More
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है – “इन्सान को अपने खाने में गौर करना चाहिये के हम ने खूब पानी … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “इंसाफ करने वाले अल्लाह तआला के पास नूर के मिम्बरों पर होंगे और यह वह … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ कसरत से फ़रमाते थे: तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मैं अज़ाबे कब्र, अज़ाबे दोजख, ज़िंदगी और मौत … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) से पहले अरबों की अखलाकी हालत बहुत ज़्यादा बिगड़ चुकी थी। जुल्म व सितम, चोरी व डाका जनी, … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “दुनिया से बे-रग़बती और आखिरत की रगबत पैदा करने के लिये मौत को याद करना … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) को दस्त (अगली रान) का गोश्त बहुत पसन्द था। 📕 बुखारी : ३३४०, अन अबी हुरैरह (र.अ) फायदा … Read More
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है – “तुम (दुनिया में) थोड़े दिन खा लो और (उससे) फायदा उठालो, बेशक तुम … Read More
कुरैश का क़बीला हज़रत इब्राहीम (अ.स) के दीन पर बराबर क़ायम रहा और एक खुदा की इबादत ही करता रहा, … Read More
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “ज़ुल्म से बचो क्योंकि ज़ुल्म कयामत के दिन बेशुमार तारीकियों की शक़्ल इख़्तियार कर लेगा … Read More
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है –
“तूम खूब जान लो के दुनियावी जिन्दगी (बचपन में) खेल कूद और (जवानी में) ज़ेब व ज़ीनत और बाहम एक दूसरे पर फ़ख्र करना और (बुढ़ापे में) माल व औलाद में एक दूसरे से अपने को ज़्यादा बताना है।”
क़ुरान में अल्लाह तआला फ़रमाता है – “तुम पर मरा हुआ जानवर, खून और खिंजीर का गोश्त हराम कर दिया … Read More