मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में जब पानी लग जाता है” तो पूछा गया (दिलों का ज़ंग) कैसे दूर होगा? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया “मौत को खूब याद करने और क़ुरआन पाक की तिलावत से।”

📕 बैहेकी फी शोअबिलईमान: १९५८,अन इब्ने उमर रज़ि०