“जिस शख्स की मौत इस हाल में आए,के वह अल्लाह तआला पर और क़यामत के दिन पर ईमान रखता हो,तो उससे कहा जाएगा,के तूम जन्नत के आठों दरवाज़ों में से जिस से चाहो दाखिल हो जाओ।”
दुनिया मोमिन के लिये कैदख़ाना है रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया: "दुनिया मोमिन के लिये कैदखाना है और काफिर के लिये जन्नत है।" 📕 मुस्लिम : ७४१७ वजाहत: शरीअत के अहकाम पर अमल करना, नफसानी ख्वाहिशों को छोड़ना, अल्लाह और उसके रसूल के हुक्मों पर चलना नफ्स के लिये कैद है और काफिर अपने नफ्स की हर…
जन्नत हासिल करने के लिये दुआ करना जन्नत हासिल करने के लिये इस दुआ को कसरत से माँगे: तर्जमा: (ऐ मेरे रब!) मुझ को जन्नत की नेअमतों का वारिस बना दे। 📕 सूरह शोअरा: ८५
दुनिया से बे-रग़बती और आखिरत की रगबत के लिये रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "दुनिया से बे-रग़बती और आखिरत की रगबत पैदा करने के लिये मौत को याद करना काफी है।" 📕 बैहेकी फी शोअबील ईमान: १०१५९
अहले जन्नत का हाल कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जो लोग अपने रब से डरते रहे, वह गिरोह के गिरोह हो कर जन्नत की तरफ रवाना किए जाएंगे, यहाँ तक के जब उस (जन्नत) के पास पहुंचेंगे और उस के दरवाजे (पहले से) खुले हुए होंगे और जन्नत के मुहाफ़िज़ (फरिश्ते) उन से…
हज़रत जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) हज़रत जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) भी उन खुशनसीब लोगों में हैं जिन को रसूलुल्लाह (ﷺ) ने दुनिया में ही है। जन्नत की खुशखबरी सुना दी थी। आप इस्लाम लाने वालों में चौथे या पाँचवे शख्स है। पंद्रह साल की उम्र में इस्लाम कबूल किया और हबशा और मदीना दोनो की…
नमाज के लिये मस्जिद जाना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "जो शख्स सुबह व शाम मस्जिद जाता है अल्लाह तआला उस के लिये जन्नत में मेहमान नवाज़ी का इंतिज़ाम फ़रमाता हैं, जितनी मर्तबा जाता है उतनी मर्तबा अल्लाह तआला उस के लिये मेहमान नवाज़ी का इंतिज़ाम फ़रमाता हैं।" 📕 बुखारी:662, अन अबी हुरैरह (र.अ)
जोड़ों के दर्द का इलाज रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "अंजीर खाओ ( फिर उस की अहेमियत बताते हुए इर्शाद फर्माया ) अगर मैं कहता के जन्नत से कोई फल उतरा है तो यही है, क्योंकि जन्नत के फलों में गुठली नहीं है ( और अंजीर का यही हाल है ) लिहाज़ा इसे खाओ, इस लिये…