कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“उस शख्स से बड़ा ज़ालिम कौन होगा, जो अल्लाह पर झूट बाँधे, जब के उसे इस्लाम की दावत दी जा रही हो और अल्लाह ऐसे जालिमों को हिदायत नहीं दिया करता।”
Home » Quotes » सिर्फ पाँच मिनट का मदरसा » 28. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा » इस्लाम की दावत को ठुकराना एक बड़ा जुल्म
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“उस शख्स से बड़ा ज़ालिम कौन होगा, जो अल्लाह पर झूट बाँधे, जब के उसे इस्लाम की दावत दी जा रही हो और अल्लाह ऐसे जालिमों को हिदायत नहीं दिया करता।”