हर नमाज़ के लिये वुजू करना

हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के,

आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर नमाज के लिये ताज़ा वुजू फरमाते और हम लोग कई नमाजें एक ही वुजू से पढ़ते थे।

📕 अबू दाऊद : १७१