हजरत आयशा (र.अ) बयान करती है:
रसूलुल्लाह (ﷺ) हदिया कबूल फर्माते थे और उसका बदला भी इनायत फर्माते थे।
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- औरत पर सब से ज़्यादा हक़ उस के शौहर का है ۞ हदीस: हज़रत आयशा रज़ि० ने रसूलुल्लाह (ﷺ) से पूछा के औरत पर तमाम लोगों में से किसका हक़ ज़्यादा है? तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:"औरत पर सब से ज़्यादा हक़ उस के शौहर का है।" फिर हज़रत आयशा रज़ि० ने पूछा: मर्द पर सबसे ज़्यादा हक़ किसका है? तो…
- इस्तिन्जे के बाद वुजू करना हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के - रसूलुल्लाह (ﷺ) जब बैतुलखला से निकलते तो वुजू फरमाते। 📕 मुस्नदे अहमद : २५०३३
- घर वालों से नेक बरताव करना हजरत आयशा (र.अ) फर्माती हैं के - आप (ﷺ) ने ग़ज़वे के अलावा कभी भी किसी को अपने हाथ से नहीं मारा और न कभी किसी खादिम को मारा और न ही कभी किसी औरत को मारा। 📕 मुस्लिम : ६०५०
- बात ठहर ठहरकर और साफ साफ़ करना हजरत आयशा (रजि०) फरमाती है के, "हुजूर (ﷺ) की बात जुदा जुदा होती थी, जो सुनता समझ लेता था।" 📕 अबू दाऊदः हदीस 4839 फायदा: जब किसी से बात करे, तो साफ़ साफ़ बात करे, ताके सुनने वाले को समझने में कोई परेशानी ना हो, यह आप (ﷺ) की सुन्नत…
- खुश्बू को रद्द नहीं करना चाहिये रसूलल्लाह (ﷺ) को जब खुशबु का हदिया दिया जाता, तो आप (ﷺ) उस को रद्द नहीं फ़रमाते थे। 📕 तिर्मिजी : २७८९
- सिफारिश पर बतौरे हदिया माल लेना एक गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “किसी ने अपने (मुसलमान) भाई की किसी चीज़ में सिफारिश की और सिफारिश करने पर सामने वाले ने उस को कोई चीज बतौरे हदिया पेश की और उस ने कुबूल कर ली, तो वह सूद के बहुत बड़े दरवाजे पर आ पहुँचा।” 📕 अबू दाऊद:…
- तोहफा देने वाले के साथ सुलूक रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जिस शख्स को हदिया (तोहफा) दिया जाए, अगर उस के पास भी देने के लिए हो, तो उसको बदले में हदिया देने वाले को दे देना चाहिए और अगर कुछ न हो तो (बतौर शुक्रिया) देने वाले की तारीफ़ करनी चाहिए। क्यों कि जिस ने तारीफ़…