रसलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“जब गुनहगार या काफिर बन्दे को दफन किया जाता है, तो क़ब्र उससे कहती है : तेरा आना नामुबारक हो, मेरी पीठ पर चलने वालों में तू मुझे सब से ज़ियादा ना पसन्द था, जब तू मेरे हवाले कर दिया गया है और मेरे पास आ गया है, तो तू आज मेरी बद सुलूकी देखेगा, फिर क़ब्र उस को दबाती है और उस पर मुसल्लत हो जाती है, तो उस की पसलियाँ एक दूसरे में घुस जाती है।”