रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“तुम औरतों से (सिर्फ) उन के हुस्न व जमाल की वजह से शादी न करो क्योकि हुस्न व जमाल खत्म होने वाला है और न उनकी मालदारी की वजह से शादी करो, मुमकिन है यह मालदारी उनको नाफ़रमानी में मुब्तला कर दे, अलबत्ता उनसे दीनदारी की बूनियाद पर निकाह करो।”