पोस्ट 46 :
नौहा (मातम) करने वाली औ़रत।अबू मालिक अल अश्अ़री से रिवायत है कि,
अल्लाह के नबी ﷺ ने फ़रमाया:❝ जाहिलियत की चार चीज़ें मेरी उम्मत में बाक़ी रहेंगी, वो उसे नहीं छोड़ेंगे। हसब पर फ़ख़्र करना, नसब पर ताअ़्न करना, सितारों से बारिश का अ़कीदा रखना, और (मय्यित पर) मातम करना। और आप ने ये भी फ़रमाया: अगर मातम करने वाली औ़रत मरने से पहले तौबा ना करे तो कियामत के दिन वो इस हाल में उठेगी कि उस पर तारकोल का क़मीस़ होगा और खुजली का लिबास होगा। ❞
————-J,Salafy————
इल्म हासिल करना हर एक मुसलमान मर्द-और-औरत पर फर्ज़ हैं
(सुनन्ऩ इब्ने माजा ज़िल्द 1, हदीस 224)
Series : ख़्वातीन ए इस्लाम