रमजान का मुबारक महीना तेजी से इख्तिताम की तरफ बढ़ रहा है और ईद की आमद है, कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन पेशे नजर इस बार ईद की रौनक पहले जैसी नहीं होगी, ईद की नमाज हमेशा की तरह बड़ी जमात के साथ ईदगाहों और मस्जिदों में नहीं हो पाएगी बल्कि वह किसी और शक्ल में अदा की जाएगी, फिर भी ईद उल फित्र के जो खुसूसी आदाब व अहकाम हैं उन पर जहाँ तक मुमकिन हो अमल की कोशिश करनी होगी।
लॉक डाउन में ईद उल फ़ित्र में क्या करे?
वह काम मुख़्तसर निम्नलिखित हैं-
1. सदका फित्र अदा करना
2. चांद देखने के बाद से ईद की नमाज तक कसरत से तकबीरात पढ़ना
3. ईद की सुबह को ताक खजूर या कोई मीठी चीज खाना
4. गुस्ल करना
5. अपने पास जो अच्छा कपड़ा हो उसे पहनना
6. खुशबू लगाना
7. घर की ख्वातीन और बच्चों को भी ईद की नमाज में शामिल होना।
नमाजे ईद का तरीका
वैसे तो ईद की नमाज़ का मुकम्मिल तरीका हम पहले ही पोस्ट कर चुके है लेकिन फिर मुख़्तसर में दोहरा रहे है।
पहली रकअत में तकबीरे तहरीमा के बाद दुआ ए सना पढें फिर 7 बार (अल्लाहु अकबर) तकबीराते जवाइद कहें फिर सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ़कर रुकू में जाएं फिर सजदे करें,
दुसरी रकअत के लिए खड़े होने के बाद 5 बार (अल्लाहु अकबर) तकबीराते जवाइद कहें फिर सूरह फातिहा और कोई सूरत पढ़कर रुकूअ में जाएं सजदे करें और अत्ताहियात दरुद दुआ पढ़ कर सलाम के जरिये आम नमाज की तरह नमाज मुकम्मल करें।
ईद की पहली रकात में सूरह फातिहा के बाद सुरह का़फ या सूरह आला और दूसरी रकअत में सूरह कमर या सूरह गाशिया पढ़ना मसनून है अगर यह सूरतें याद ना हो तो कोई और भी सूरतें पढ़ी जा सकती हैं।
ईद का खुत्बा:
घरों में बा जमाअत ईद की नमाज अदा करने की सूरत में खुत्बा भी दिया जाएगा या नहीं ?
इस सिलसिले में बड़ी बहसें हो रही हैं खुलासा यह की ओलामा इस सिलसिले में दो तरह की राय पेश कर रहे हैं एक यह कि खुत्बा भी ईद के खुत्बा की तरह दिया जाएगा दूसरी यह कि खुत्बा नहीं दिया जाएगा सिर्फ 2 रकात नमाज पर इक्तिफा किया जाएगा।
मेरी जाती राय यह है कि अगर घर के अंदर दो या दो से ज्यादा लोग मौजूद हों और ईद का खुतबा अगर मुमकिन हो तो दें, इस लिए कि घर में ईद की नमाज ही पढ़ी जा रही है कोई और नमाज नहीं (जुमे की नमाज की जगह जुहर की तरह नहीं) वरना सिर्फ 2 रकअत ईद की नमाज बतौरे शुक्राना अदा कर ले (अनुवादक)
अगर ईद की नमाज तन्हा पढ़ेंगे तो खुत्बा की जरूरत नहीं है।
कुछ जरूरी हिदायत
1. हुकूमत की हिदायात और मुल्क के मौजूदा हालात को सामने रखते हुए जहां तक मुमकिन हो एहतियात से काम ले।
2. ईद की नमाज के लिए कहीं भी बड़ा इज्तेमा बिल्कुल ना करें हर घर के लोग अपने-अपने घर में नमाज पढ़ें।
3. ईद की नमाज के अलावा भी कहीं भीड़ भाड़ ना लगाएं।
4. सादगी के साथ ईद के अहकाम अदा करे।
5. अपने बाल बच्चों पर भी नजर रखें कि वह कोई खिलाफे कानून और खिलाफे शरिअत काम ना करें।
6. ड्रोन कैमरों से भी घरों की निगरानी की जाती है इसलिए छत वगैरह पर भी बड़ा इज्तेमा करने से परहेज करें।
7. मुखबिरी करने वाले भी गली-गली में मौजूद होते हैं।
8. ईद मनाते वक्त अपने इर्द-गिर्द के जरूरतमंदों की जरूरत का भी ख्याल रखें।
9. मुख्तलिफ शहरों से अपने इलाकों की तरफ पैदल या सवारी से सफर करने वालों की खिदमत करें।
10. कोरोना वायरस के खातेमा के लिए रमजान के बाकी बचे औकात में और बाद में भी खुसूसी दुआएं करें।
11. रमजान उल मुबारक के बाकी बचे लम्हात को गनीमत जानें और ज्यादा से ज्यादा नेकियां करें, मालूम नहीं दोबारा यह मौका मिले ना मिले।
अल्लाह तआला हमारी नेकीयों को कबूल फरमाए, कोताहियों और गलतियों को माफ करे, मुल्क और पूरी दुनिया को आफियत और अमन ओ अमान की नेअमत से सरफराज करे। आमीन।।।।
– (लेखक) फजिलतुश्शैख मौलाना असअद आजमी बनारस
– (अनुवादक) जहिरुद्दीन फैजी केकडी़ अजमेर