19 अप्रैल 2024
आज का सबक
1. इस्लामी तारीख
हजरत रुकय्या बिन्ते रसूलुल्लाह (र.अ)
हज़रत रुकय्या (र.अ) हुजूर (ﷺ) की दूसरी साहबज़ादी (बेटी) थीं, वह पहले अबू लहब के बेटे उत्बा के निकाह में थीं, जब हुजूर (ﷺ) को नुबुव्वत मिली और लोगों को दावत देना शुरू किया, तो अबू लहब के हुक्म पर उत्बा ने हजरत रुकय्या (र.अ) को तलाक दे दी, फिर हज़रत उस्मान (र.अ) से उनका निकाह हुआ, उनसे एक लड़का अब्दुल्लाह पैदा हुए।
हजरत रुकय्या (र.अ) हजरत उस्मान (र.अ) के साथ हब्शा हिजरत कर गई, हिजरत के वक्त हुजूर (ﷺ) ने फ़र्माया: इस उम्मत में सबसे पहले हिजरत करने वाले उस्मान (र.अ) और उन की अहलिया है। कुछ अर्से बाद दोनों हब्शा से मक्का आए और फिर हिजरत कर के मदीना आ गए।
ग़ज़व-ए-बद्र के मौके पर हजरत रुकय्या (र.अ) बहुत बीमार हो गई थीं, इस लिए हुजूर (ﷺ) ने हजरत उस्मान (र.अ) को उन की तिमारदारी के लिए रोक दिया था और उसी बीमारी में सन २ हिजरी में हज़रत रुकय्या (र.अ) का इन्तेकाल हो गया, जंगे बद्र में शिरकत की वजह से हुजूर (ﷺ) उन की नमाजे जनाजा में शरीक न हो सके। यह जन्नतुल बकी में मदफून हुई।
2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा
हाथी में अल्लाह की क़ुदरत
अल्लाह तआला ने दीगर जानवरों के मुकाबले में हाथी को बड़ा डील डोल और जबरदस्त ताक़त अता फ़रमाई है, उस के पैर मज़बूत इमारत के चार सुतून की तरह मजबूत दिखाई देते हैं, कान बड़े पंखे, की तरह मालूम होते हैं।
आँखें आम जानवरों से भी छोटी होती हैं, सब से ज़्यादा अनोखी चीज़ उस की सूंढ़ है जिसकी मदद से वह उन पहाड़ी जंगलात में जहाँ मशीनें और क्रेन नहीं जा सकती, वहाँ उन की जिस्मानी ताकत और सूंढ़ की मदद से बड़े बड़े दरख्तों को उखाड़ लिया जाता है।
आखिर इंसान की ज़रूरत पूरी करने के लिये अल्लाह तआला ने अपनी कुदरत से कैसे कैसे जानवर पैदा किये।
3. एक फर्ज के बारे में
अमानत वालों को अमानतें वापस कर दिया करो
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“अल्लाह तआला तुमको हुक्म देता है के
अमानत वालों को उनकी अमानतें वापस कर दिया करो।”
4. एक सुन्नत के बारे में
गुस्ल करने का सुन्नत तरीका
रसूलुल्लाह (ﷺ) जब गुस्ले जनाबत फ़र्माते,
तो सबसे पहले हाथ धोते, फिर सीधे हाथ से बाएँ हाथ पर पानी डालते,
फिर इस्तिन्जे की जगह धोते, फिर जिस तरह नमाज के लिये वुजू किया जाता है उसी तरह वुजू करते,
फिर पानी लेकर अपनी उंगलियों के जरिये सर के बालों की जड़ों में दाखिल करते,
फिर तीन दफा दोनों हाथ भर कर यके बाद दीगर सर पर पानी डालते,
फिर सारे बदन पर पानी बहाते और सबसे अखीर में दोनों पाँव धोते।
5. एक अहेम अमल की फजीलत
बुरी मौत से हिफाज़त का जरिया
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“सदका अल्लाह तआला के गुस्से को ठंडा करता है
और इन्सान को बुरी मौत से महफूज रखता है।”
6. एक गुनाह के बारे में
मुजिजात को न मानने का गुनाह
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“जब उन के रसूल उन के पास खुली हुई दलीलें ले कर आए, तो वह लोग अपने उस दुनियावी इल्म पर नाज़ करते रहे, जो उन्हें हासिल था, आखिरकार उनपर वह अज़ाब आ पड़ा जिस का वह मज़ाक़ उड़ाया करते थे।”
7. दुनिया के बारे में
मौत और माल की कमी से घबराना
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है, (हालांकि दोनों उस के लिए खैर है) एक मौत को, हालांकि मौत फ़ितनों से बचाव है, दूसरे माल की कमी को, हालांकि जितना माल कम होगा उतना ही हिसाब कम होगा।”
8. आख़िरत के बारे में
कयामत के दिन पूरा पूरा बदला दिया जाएगा
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :
“जब हम उन लोगों को उस दिन जमा करेंगे, जिस के आने में कोई शक नहीं और हर एक आदमी को उस के आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा और उन पर कोई जुल्म नहीं किया जाएगा।”
9. तिब्बे नबवी से इलाज
जूं पड़ने का इलाज तिब्बे नबवी से
एक रिवायत में है के दो सहाबा ने रसूलुल्लाह (ﷺ) से एक गजवे के मौके पर (कपड़ों में) जूं पड़ जाने की शिकायत की, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उन दोनों को रेश्मी कमीस पहनने की इजाजत दी।
फायदा: जूं पड़ना एक मर्ज है, जिस का इलाज आप (ﷺ) ने उस मौके पर रेश्मी लिबास तजवीज़ फ़र्माया, जरूरत की वजह से तजवीज़ करे तो गुन्जाइश है। अगरचे रेशमी कपडे आम तौर पे मर्दो पर हराम है (सुनन निसाई ५१४८/१०९)
10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत
मोतदिल गिज़ा का इस्तेमाल
खीरा (ककड़ी) के फवाइद
रसूलुल्लाह (ﷺ) खजूर के साथ खीरे खाते थे।
फायदा : मुहद्विसी ने किराम फ़र्माते हैं के खजूर चूँकि गर्म होती है इस लिये आप (ﷺ) उस के साथ ठंडी चीज खीरा (ककड़ी) इस्तेमाल फर्माते थे ताके दोनों मिलकर मोतदिल हो जाएं।
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