18 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
Image Not Found

1. इस्लामी तारीख

मदीना मुनव्वरा में इस्लाम का फैलना

मदीना में जियादा तर आबादियाँ क़बील-ए-औसखज़रज की थीं, यह लोग मुशरिक और बुत परस्त थे। उनके साथ यहूद भी रहते थे। जब कभी क़बील-ए-औस व खजरज से यहूद का मुकाबला होता, तो यहूद कहा करते थे के अन क़रीब आखरी नबी मबऊस होने वाले हैं, हम उन की पैरवी करेंगे। और उनके साथ हो कर तुम को “क़ौमे आद” और “कौमे इरम” की तरह हलाक व बरबाद करेंगे।

जब हज का मौसम आया, तो कबील-ए-खजरज के तक़रीबन छे लोग मक्का आए। यह नुबुव्वत का गयारहवा साल था। हुजूर (ﷺ) उन के पास तशरीफ ले गए, इस्लाम की दावत दी और कुरआन की आयते पढ कर सुनाई। उन लोगों ने आप (ﷺ) को देखते ही पहचान लिए और एक दूसरे को देख कर कहने लगे। खुदा की क़सम! यह वही नबी हैं जिनका तज़केरा यहूद किया करते थे। कहीं ऐसा न हो के इस सआदत को हासिल करने में यहूद हम से आगे बढ़ जाएँ।

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

हुजूर (ﷺ) को गैबी मदद

सहाब-ए-किराम फर्माते हैं के हम एक सफर में अल्लाह के रसूल के साथ चार सौ आदमी थे।

हम लोगों ने ऐसी जगह पड़ाव डाला जहाँ पीने के लिये पानी नहीं था। हम सब घबरा गए, इतने में एक छोटी सी बकरी अल्लाह के रसूल (ﷺ) के सामने आकर खड़ी हो गई। आपने उस का दूध दूहा और फिर खूब सैर हो कर पिया और अपने सहाबा को भी पिलाया हत्ता के सब सैर हो गए।

उसके बाद उस बकरी को बाँध दिया गया, सुबह को उठ कर देखा, तो वह बकरी गायब थी। हुजूर (ﷺ) को खबर दी गई, तो आप (ﷺ) ने फर्माया: “जो अल्लाह उसको लाया था वही उसे ले गया।”

📕 बैहकी फी दलाइलिन्नुबबह: २३८१

3. एक फर्ज के बारे में

4. एक सुन्नत के बारे में

कसरत से इस्तिग़फार करने की सुन्नत

हज़रत अबू हुरैरा (र.अ) फर्माते हैं के मैं ने रसूलुल्लाह (ﷺ) को फर्माते हुए सुना के:

“ख़ुदा की कसम ! मैं दिन में सत्तर से जियादा मर्तबा अल्लाह तआला से तौबा व इस्तिगफार करता हूँ।”

📕 बुख़ारी: ६३०७

5. एक अहेम अमल की फजीलत

अल्लाह के रास्ते में रोज़ा रखना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

जिसने अल्लाह के रास्ते में एक रोज़ा रखा, तो अल्लाह तआला उस के और जहन्नम के दर्मियान
आसमान व ज़मीन के फासले के बराबर खन्दक़ कायम कर देगा।”

📕 तिर्मिज़ी : १६२४

6. एक गुनाह के बारे में

वारिस को मीरास से महरूम करने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जो शख्स अपने वारिस को मीरास (विरासत) देने से भागेगा (और उसे मीरास से महरूम कर देगा) तो अल्लाह तआला कयामत के दिन जन्नत से उसकी मीरास खत्म कर देगा।”

📕 इब्ने माजा : २७०३

7. दुनिया के बारे में

दुनिया की इमारतें साहिबे इमारत के लिए वबाल होगी

रसूलुल्लाह (ﷺ) एक मर्तबा एक गुंबद वाली इमारत के पास से गुज़रे तो फर्माया :
“यह किस ने बनाया है? लोगों ने बताया के फलाँ शख्स ने, तो फर्मायाः

“क़यामत के दिन मस्जिद के अलावा हर इमारत साहिबे इमारत के लिए वबाल होगी।”

📕 शोअबुल ईमान : १०३०३, अन अनस बिन मालिक (र.अ)

8. आख़िरत के बारे में

जहन्नम का जोश

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“जब जहन्नम (क़यामत के झुटलाने वालों) को दूर से देखेगी, तो वह लोग (दूर ही से) उस का जोश व खरोश सुनेंगे और जब वह दोज़ख़ की किसी तंग जगह में हाथ पाँव जकड़ कर डाल दिये जाएंगे, तो वहाँ मौत ही मौत पुकारेंगे। (जैसा के मुसीबत में लोग मौत की तमन्ना करते हैं)।”

📕 सूर-ए-फुरकान : १२ ता १३

9. तिब्बे नबवी से इलाज

खाने के बाद उंगलियां चाटने का फ़ायदा

रसूलुल्लाह (ﷺ) जब खाना खा लेते तो अपनी तीनों उंगलियों को चाटते।

फायदा : अल्लामा इब्ने कय्यिम कहते हैं के खाना खाने के बाद उंगलियां चाटना हाज़मे के लिए इन्तेहाई मुफीद है।

तफ्सील में जानकारी के लिए यह भी देखे
» उंगलियों के पोरों पर कीटनाशक प्रोटीन

📕 मुस्लिम : ५२९६

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

फासिद खून का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“बेहतरीन दवा हिजामा (पछना लगाना, cupping) है, क्यों कि वह फ़ासिद खून को निकाल देती है, निगाह को रौशन और कमर को हल्का करती है।”

📕 मुस्तदरक : ८२५८, अन इन्ने अब्बास (र.अ)

और देखे :