25 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
Image Not Found

1. इस्लामी तारीख

हज्जतुल विदाअ

फतहे मक्का के बाद जब पूरे अरब में मजहबे इस्लाम की खूबियाँ अच्छी तरह वाजेह हो गई और लोग फौज दर फ़ौज शिर्क व बुतपरस्ती को छोड़ कर इस्लाम कबूल करने लगे, तो अब वक़्त था के हुज़र (ﷺ) खुद अमली तौर पर फरीज़-ए-हज को अन्जाम देकर इस्लाम के इस अज़ीम रुक्न की शान व शौकत और इस की अदायगी के सही तरीकों को बयान फरमाए और शिरकिया बातों और जाहिली, रुसूम व आदात से उसे पाक कर दें। 

चुनान्चे रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हज का इरादा किया और २५ या २६ ज़िल क़ादा सन १० हिजरी को ज़ोहर की नमाज़ के बाद मदीना मुनव्वरा से रवाना हुए, तमाम अजवाजे मुतहहरात और सय्यदा फातिमतु जहरा आप के साथ थीं और सहाब-ए-किराम एक लाख से जाइद की तादाद में आप के साथ शरीक थे, मक़ामे जुलहुलैफा में गुस्ल फर्मा कर एहराम बाँधा।

४ जिलहिज्जा को इतवार के दिन मक्का मुकर्रमा पहुँचे, सब से पहले खान-ए-काबा का में तवाफ किया और सफा व मरवा की सई फ़रमाई और ८ ज़िलहिज्जा से हज के अरकान को अदा करना शुरू फ़र्माया। 

यह आप की मुबारक ज़िन्दगी का आख़री हज था, इसी लिये इस को “हज्जतुल विदा” कहा जाता है।

📕 इस्लामी तारीख

To be Continued …

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

बहरे मय्यित (Dead Sea)

मुल्के उरदुन (Jordan) में छोटा सा एक समुन्दर है जिस को “बहरे मय्यित” (Dead Sea) कहते हैं।

अल्लाह तआला ने कौमे लूत की बस्तियों को पलट कर एक गहरे समुन्दर में तब्दील कर दिया जिसके पानी की सतह आम समुन्दरों के मुकाबिल १३०० फुट गहरी है, उस की बड़ी खुसूसियत यह है के न कोई जानदार उस में जिन्दा रहता है और न ही डूबता है, जबकि दूसरे समुन्दरों में जानदार चीजें भी हैं और जानदार व बेजान चीजें इस में गिर कर डूब भी जाती हैं।

तफ्सील में यहाँ पढ़े : History of “Dead Sea” by Holy Quraan

3. एक फर्ज के बारे में

गुस्ल में पूरे बदन पर पानी बहाना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“(जिस्म) के हर बाल के नीचे नापाकी होती है,
लिहाजा तुम बालों को धोओ
और बदन को अच्छी तरह साफ करो।”

📕 तिर्मिज़ी: १०६

खुलासा: गुस्ल में पूरे बदन पर पानी पहुँचाना फर्ज है।

4. एक सुन्नत के बारे में

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

ज़िना की कसरत और नाप तौल में कमी करने का वबाल

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जिस कौम में ज़िना आम होता है, उस में ताऊन और ऐसी बीमारियां फ़ैल जाती हैं जो पहले नहीं थीं और जो लोग नाप तौल में कमी करते हैं, तो वह लोग कहत साली, परेशानियों और बादशाह (हुकुमरानों) के जुल्म के शिकार हो जाते हैं।”

📕 इब्ने माजा: ४०१९

7. दुनिया के बारे में

अल्लाह ही रोजी तकसीम करता हैं

क़ुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“दुनियवी जिंदगी में उन की रोज़ी हम ने ही तकसीम कर रखी है और एक को दूसरे पर मर्तबा के एतबार से फज़ीलत दे रखी है ताकि एक दूसरे से काम लेता रहे।”

📕 सूर-ए-जुखरुफ़ :३२

8. आख़िरत के बारे में

9. तिब्बे नबवी से इलाज

बिमारियों का इलाज

हज़रत अनस (र.अ) के पास दो शख्स आए, जिन में से एक ने कहा: ऐ अबू हम्जा (यह हजरत अनस (र.अ) की कुन्नियत है) मुझे तकलीफ है, यानी मैं बीमार हूँ, तो हजरत अनस (र.अ) ने फ़रमाया: क्या मैं ! तुम को उस दुआ से दम न कर दूं जिस से रसूलुल्लाह (ﷺ) दम किया करते थे? उस ने कहा :जी हाँ जरूर , तो उन्होंने यह दुआ पढ़ी:

तर्जुमा: ऐ अल्लाह! लोगों के रब! तकलीफ को दूर कर देने वाले, शिफा अता फरमा, तू ही शिफा देने वाला है तेरे सिवा कोई शिफा देने वाला नहीं, ऐसी शिफा अता फरमा के बीमारी बिलकुल बाकी ना रहे।

📕 बुखारी : ५७४२

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

सना के फायदे

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“मौत से अगर किसी चीज में शिफा होती तो सना में होती।”

📕 तिर्मिज़ी : २०८१

फायदा: सना एक दरख्त का नाम है, जिस की पत्ती तक़रीबन दो इंच लम्बी और एक इंच चौड़ी होती है, उस में छोटे छोटे पीले रंग के फूल होते हैं, उसकी पत्ती क़ब्ज़ के मरीज़ के लिये मुफीद है।

और देखे :