24 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
Image Not Found

1. इस्लामी तारीख

ग़ारे सौर से हुजूर (ﷺ) की रवानगी

रसूलुल्लाह (ﷺ) हिजरत के दौरान गारे सौर में जुमा, सनीचर और इतवार तीन दिन रहे, फिर जब मक्का में शोर व हंगामे में कमी हुई तो मदीना के लिये निकलने का इरादा फ़रमाया, अब्दुल्लाह बिन अरीक़त को रास्ते की रहनुमाई में बहुत महारत थी, उन्हें हज़रत अबू बक्र (र.अ.) ने दो सवारी देकर मदीना पहुँचाने के लिये उजरत पर पहले ही से तय्यार कर रखा था, जब अब्दुल्लाह बिन अरीक़त सवारियाँ ले कर आया, तो आप (ﷺ) की खिदमत में पेश किया, चुनान्चे आपने एक ऊँटनी क़ीमतन पसन्द किया।

इस तरह हुजूर (ﷺ) , हज़रत अबू बक्र, आमिर बिन फुहरा और अब्दुल्लाह बिन अरीकत मदीना की तरफ निकल पड़े। इन हज़रात ने आम रास्ते को छोड़ कर साहिली रास्ता इख्तियार किया, इसी सफर में आप (ﷺ) का गुजर उम्मे माबद के खेमे से हुआ, तो आप ने उम्मे माबद की इजाजत से उन की खुश्क थनों वाली और कमजोर बकरी से दूध दूहा, सब ने सैर हो कर पिया, फिर दूध दूह कर उम्मे माबद को दे कर सफर का रुख किया।

कुफ्फार ने एलान किया था के जो मुहम्मद (ﷺ) को गिरफ्तार कर के लाएगा, उस को इनाम में सौ ऊँट दिए जाएँगे। चुनान्चे सुराक़ा बिन मालिक ने ऊँटों की लालच में घोड़े पर सवार हो कर पीछा किया। जब क़रीब पहुँचा तो आप (ﷺ) ने दुआ फर्माई, जिसकी वजह से उस के घोड़े के अगले दोनों पैर घुटनों तक जमीन में फँस गए। वह माफी माँगने लगा और वादा किया के अगर नजात मिली, तो कुफ्फार को आपका पीछा करने से रोक दूंगा, फिर आप (ﷺ) ने दुआ फ़र्माई तो उस को नजात मिली।

To be Continued …

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

थोड़ी सी खजूर में बरकत

हज़रत नोमान बिन बशीर (अ.स) की बहन बयान करती हैं के, खन्दक की खुदाई के मौक़े पर मेरी वालिदा अमरा बिन्ते रवाहा ने मुझे बुलाया और मेरे दामन में एक लब (दोनों हथेली) भर कर खजूर दी और फ़रमाया “यह अपने वालिद और मामू अब्दुल्लाह बिन रवाहा को दे आओ, चुनान्चे मैं चली, वहाँ पहुँच कर अपने वालिद और मामू को तलाश करने लगी, इतने में रसूलुल्लाह (ﷺ) ने मुझे देख लिया, तो फ़रमाया ऐ बेटी इधर आओ ! मैं आप (ﷺ) के पास पहुँची, तो आप ने पूछा यह क्या है? मैंने कहा यह थोड़ी सी खजूर है मेरी वालिदा ने मेरे वालिद और मेरे मामू के वास्ते भेजी है।

तो हुजूर (ﷺ) ने फ़रमाया मेरे पास लाओ, मैंने सारी खजूर हुजूर की हथेली मुबारक में रख दी और फिर एक कपड़ा बिछवाकर उस पर बिखेर दी और एक आदमी को फ़रमाया के आवाज़ लगाओ! चुनान्चे इस आवाज़ पर सब लोग जमा हो गए और खाना शुरू किया और खजूर बढ़ती गई हत्ता के सब लोगों ने पेट भरकर खाई फिर भी इतना ज़्यादा बच गई के कपड़े पर से खजूर ज़मीन पर गिर रहीं थीं |

📕 हुजूर (ﷺ) का मुअजिजा
📕 दलाइलुन्नुबवह लिल्असफहानी:495

3. एक फर्ज के बारे में

वालिदैन के साथ एहसान का मामला करो

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“तुम्हारे रब (अल्लाह) ने फैसला कर दिया है उसके के अलावा किसी और की इबादत न करो और वालिदैन के साथ एहसान का मामला करो।”

📕 सूरह बनी इस्राईल : २३

खुलासा: माँ बाप की खिदमत करना और उनके साथ अच्छा बरताव करना फर्ज है।

4. एक सुन्नत के बारे में

5. एक अहेम अमल की फजीलत

अल्लाह के लिये मुहब्बत का बदला

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:
अल्लाह तआला क़यामत के दिन फरमाएगा।

“मेरी अजमत की वजह से आपस में मुहब्बत करने वाले लोग आज कहाँ हैं ?
मैं आज उन को अपने साए में जगह दूँगा जब के मेरे साए के अलावा कोई साया न होगा।”

📕 मुस्लिम: ६५४८

6. एक गुनाह के बारे में

कोई चीज़ ऐब बताए बगैर बेचने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जो शख्स कोई ऐबदार चीज़ उस का ऐब बताए बगैर बेचेगा, वह बराबर अल्लाह की नाराजगी में रहेगा और फरिश्ते उसपर लानत करते रहेंगे।”

📕 इब्ने माजा : २२४७

7. दुनिया के बारे में

नाफ़र्मानों से नेअमतें छीन ली जाती हैं

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

“वह नाफरमान लोग कितने ही बाग, चश्मे, खेतियाँ और उम्दा मकानात
और आराम के सामान जिन में वह मजे किया करते थे,
(सब) छोड़ गए,
हम ने इसी तरह किया और उन सब चीज़ों का वारिस एक दूसरी कौम को बना दिया।
फिर उन लोगों पर न तो आसमान रोया और न ही जमीन
और नही उन को मोहलत दी गई।”

📕 सूर दुःखान: २५ ता २९

8. आख़िरत के बारे में

ईमान की बरकत से जहन्नम से छुटकारा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

जब जन्नती जन्नत में चले जाएंगे और जहन्नमी जहन्नम में चले जाएंगे, तो अल्लाह तआला फरमाएगा:

जिस के दिल में राई के दाने के बराबर भी ईमान हो उसे भी जहन्नम से निकाल लो, चुनान्चे उन लोगों को भी निकाल लिया जाएगा, जिनकी यह हालत होगी के वह जल कर काले सियाह हो गए होंगे। उसके बाद उन को “नहरे हयात” में डाला जाएगा, तो इस तरह निकल आएंगे जैसे दाना सैलाब के कड़े में (खाद और पानी मिलने की वजह से) उग आता है।”

📕 बुखारी: २२, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)

9. तिब्बे नबवी से इलाज

फोड़े फुंसी का इलाज

आप (ﷺ) की बीवीयों में से एक बीवी बयान फ़र्माती हैं के एक दिन रसूलुल्लाह ﷺ मेरे पास तशरीफ़ लाए और दर्याफ्त फ़ाया : क्या तेरे पास जरीरह है ? (चिरायता) मैं ने कहा: हाँ! तो आप ने उसे मंगाया और अपने पैर की उंगलियों के दर्मियान जो फुंसी थी उसपर रख कर यह दुआ फ़रमाई:

तर्जमा : ऐ बड़े को छोटा और छोटे को बड़ा करने वाले अल्लाह! इस जख्म को ख़त्म कर दे, चुनांचे वह फुंसी अच्छी हो गई।

📕 मुस्तदरक : ७४६३

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

और देखे :