19 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

हुजूर (ﷺ) ग़ारे सौर में

रसूलअल्लाह (ﷺ) और हज़रत अबू बक्र (र.अ) दोनों मक्का छोड़ कर गारे सौर में पहुँच चुके थे। उधर मुश्रिकीनने पीछा करना शुरू किया और तलाश करते हुए गारे सौर के बिल्कुल मुँह के करीब पहुंच गए।

उस वक़्त हजरत अबू बक्र (र.अ) ने कहा : या रसूलल्लाह ! उन में से किसी ने एक क़दम भी आगे बढ़ाया, तो हमें देख लेगा।

हुजूर (ﷺ) ने फर्माया “घबराओ नहीं अल्लाह हमारे साथ है।” अल्लाह तआला ने दोनों हज़रात की अपनी कुदरत से हिफाज़त फ़रमाई। और वह लोग वापस हो गए। हजरत अबू बक्र (र.अ) ने अपने बेटे अब्दुल्लाह से यह कह दिया था के वह मुशरिकों के दर्मियान होने वाली बातें रात के वक़्त आकर बता दिया करें।

चुनान्चे वह रात के वक्त गार में आकर मुश्रिकों की साजिशों की इत्तेला हुजूर (ﷺ) को दे देते थे और हज़रत अस्मा बिन्ते अबू बक्र (र.अ) खाना वगैरह पहुँचाया करती थीं। इस तरह तीन दिन यहाँ गुज़रे फिर मदीना की तरफ रवानगी हुई।

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

नबी (ﷺ) का मोजिज़ा: उमैर और सफवान की साजिश की खबर देना

उमैर बिन वहब और सफवान बिन उमय्या खान-ए-काबा में बैठ कर बद्र के मकतूलीन पर रो रहे थे, बिलआखिर उन दोनों में पोशीदा तौर पर यह साजिश करार पाई के उमैर मदीना जा कर आप (ﷺ) को धोके से क़त्ल कर आए। लिहाज़ा उमैर उठ कर घर आया और तलवार को जहर में बुझा कर मदीना को चल खड़ा हुआ और मदीना पहुँचा।

आप (ﷺ) ने पूछा : उमैर यहाँ किस इरादे से आए हो? उस ने कहा के उस कैदी को छुड़ाने आया हूँ।

आप (ﷺ) ने फ़र्माया : क्या तुम दोनों ने खान-ए-काबा में बैठ कर मेरे क़त्ल की साजिश नहीं की है? उमैर यह राज की बात सुन कर सक्ते में पड़ गया और बे इख्तियार बोल उठा के मुहम्मद (ﷺ) ! बेशक आप खुदा के पैग़म्बर हैं खुदा की कसम! मेरे और सफवान के अलावा किसी तीसरे को इस मामले की खबर न थी फिर उमैर ने कलिमा पढ़ा और आपने उन के कैदी को छोड दिया।

📕 तारीखे तबरी:१/४५७, जिकर व कअतिबदरिल कुबरा

3. एक फर्ज के बारे में

4. एक सुन्नत के बारे में

नमाज़ के लिये पैदल आना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“सब से जियादा नमाज का सवाब उस आदमी को मिलेगा जो सबसे जियादा पैदल चल कर आए फिर उससे जियादा सवाब उस आदमी को मिलेगा जो उस से ज़ियादा दूर से चल कर आए।”

📕 बुखारी : ६५१

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

वारिस को मीरास से महरूम करने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जो शख्स अपने वारिस को मीरास (विरासत) देने से भागेगा (और उसे मीरास से महरूम कर देगा) तो अल्लाह तआला कयामत के दिन जन्नत से उसकी मीरास खत्म कर देगा।”

📕 इब्ने माजा : २७०३

7. दुनिया के बारे में

दो आदतें: दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देखे …

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जो शख्स दीनी मामले में अपने से बुलन्द शख्स को देख कर उस की पैरवी करे और दुनियावी मामले में अपने से कमतर को देख कर अल्लाह तआला की अता करदा फजीलत पर उस की तारीफ करे, तो अल्लाह तआला उस को (इन दो आदतों की वजह से) सब्र करने वाला और शुक्र करने वाला लिख देता हैं।

और जो शख्स दीनी मामले में अपने से कमतर को देखे और दूनीयावी मामले में अपने से ऊपर वाले को देख कर अफसोस करे, तो अल्लाह तआला उसको साबिर व शाकिर नहीं लिखता।”

📕 तिर्मिज़ी : २५१२

8. आख़िरत के बारे में

परहेज़गारों की नेअमत

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:

“(क़यामत के दिन) परहेज़गार लोग (जन्नत) के सायों में और चशमों में और पसन्दीदा मेवों में होंगे (उन से कहा जाएगा) अपने (नेक) आमाल के बदले में खूब मजे से खाओ पियो, हम नेक लोगों को ऐसा ही बदला दिया करते हैं। (और) उस दिन झुटलाने वालों के लिये बड़ी ख़राबी होगी।”

📕 सूरह मुरसलात: ४१ ता ४५

9. तिब्बे नबवी से इलाज

खुजली का इलाज

हजरत अनस बिन मालिक (र.अ) फर्माते हैं के :

रसूलल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ (र.अ) और जुबैर बिन अव्वाम (र.अ) को खुजली की वजह से रेशमी कपड़े पहनने की इजाजत मरहमत फर्माई थी।”

📕 बुखारी: ५८३९

फायदा: आम हालात में मर्दो के लिये रेश्मी लिबास पहनना हराम है, मगर जरूरत की वजह से माहिर हकीम या डॉक्टर कहे तो गुंजाइश है।

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

नजर लगने से हिफाजत

माशा अल्लाह की फ़ज़ीलत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जिस शख्स ने कोई ऐसी चीज़ देखी जो उसे पसंद आ गई, फ़िर उस ने (माशा अल्लाह ! व लाहौल वला क़ूवता इल्लाह बिल्लाही) कह लिया, तो उस की नज़र से कोई नुक्सान नहीं पहुंचेगा।”

📕 कंजुल उम्मुल : १७६६६, अनस (र.अ)

तर्जुमा : जो कुछ अल्लाह चाहता है [होता है] और अल्लाह के अलावा कोई ताकत नहीं है।

और देखे :