20 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
Image Not Found

1. इस्लामी तारीख

रसूलुल्लाह (ﷺ) की ताइफ से वापसी

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने ताइफ जा कर वहाँ के सरदारों और आम लोगों को दीने हक़ की दावत दी, मगर वहाँ के लोगों ने इस्लाम कबूल करने के बजाए, रसूलुल्लाह (ﷺ) की सख्त मुखालफत की, गालियाँ दी, पत्थरों से मारा और शहर से बाहर निकाल दिया, पत्थरों की चोट से आप के बदन मुबारक से खून जारी हो गया, शहर से बाहर आकर एक बाग़ में रूके, वहाँ हुजूर (ﷺ) ने अल्लाह तआला से दुआ की और अपनी कमज़ोरी, बेबसी और लोगों की निगाहों में बेवक़अती की फरयाद की और अल्लाह तआला से नुसरत व मदद की दरख्वास्त की और फर्माया : “इलाही ! अगर तू मुझ से नाराज नहीं है, तो मुझे किसी की परवाह नहीं, तू मेरे लिये काफी है।”

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

नींद अल्लाह की अज़ीम नेअमत

अल्लाह तआला ने इन्सान को बेशुमार नेअमतों से नवाजा है, उन्हीं में से एक अजीम नेअमत नींद है, जब आदमी सो जाता है तो उस का एहसास व शुऊर खत्म हो जाता है और आदमी अपने गिर्द व पेश बल्के अपने जिस्म के अहवाल से भी बेखबर हो जाता है।

गोया उस वक्त यह क़ुव्वते उस से लेली जाती है मगर मौत की तरह नींद देकर फिर जीती जागती ज़िन्दगी कौन अता करता है?

यकीनन यह अल्लाह तआला ही अता करता है।

📕 अल्लाह की कुदरत

3. एक फर्ज के बारे में

अल्लाह तआला पूरी कायनात का रब है

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“सुन लो ! अल्लाह तआला ही का काम है पैदा करना और हुक्म चलाना, वह बड़े कमालात वाला अल्लाह है, जो तमाम आलम का पर्वरदिगार है।” 

📕 सूर-ए-आराफ़ : ५४

खुलासा: पूरी दुनिया का रब अल्लाह तआला के अलावा कोई नहीं है। लिहाजा हमारे लिए जरूरी है के हम उस पर ईमान लाएँ और उस का हुक्म मानें।

4. एक सुन्नत के बारे में

मुसीबत या खतरे को टालने की दुआ

जब किसी मुसीबत या बला का अंदेशा हो, तो इस दुआ को कसरत से पढ़े:

“हमारे लिए अल्लाह काफ़ी है और वह बेहतरीन काम बनाने वाला है, हम उसी पर भरोसा करते हैं।”

📕 तिर्मिज़ी : २४३१, अन अबी सईद खुदरी (र.अ)

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

किसी मुसलमान की ग़ीबत और बेइज्जती की सजा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:

“जिस ने किसी मुसलमान (की गीबत की और उस की ग़ीबत) के बदले में एक लुक्मा भी खाया, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उस को एक लुक्मा जहन्नम से खिलाएगा और जिस ने किसी (मुसलमान की बेइज्जती की और उस) के बदले में उस को कपड़ा पहनने को मिला, तो कयामत के दिन अल्लाह तआला उस को उसी कद्र जहन्नम से पहनाएंगा।”

📕 अबू दाऊद : ४८८१, अन मुस्तरिद (र.अ)

7. दुनिया के बारे में

दुनिया से बेरग़वती का इनाम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

“जो शख्स जन्नत का ख्वाहिश मन्द होगा वह भलाई में जल्दी करेगा।
और जो शख्स जहन्नम से खौफ करेगा, वह ख्वाहिशात से गाफिल (बेपरवाह) हो जाएगा
और जो मौत का इंतज़ार करेगा उसपर लज्जतें बेकार हो जाएगी
और जो शख्स दुनिया में जुद (दुनिया से बेरगबती) इख्तियार करेगा,
उस पर मुसीबतें आसान हो जाएँगी।”

📕 शोअबुल ईमान: १०२१९

8. आख़िरत के बारे में

रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला मिल जायेगा

क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है :

“जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।” 

📕 सूरह क़सस: 84

9. तिब्बे नबवी से इलाज

दस्त (बकरी की अगली रान) के फवाइद

रसूलुल्लाह (ﷺ) को दस्त (अगली रान) का गोश्त बहुत पसन्द था।

📕 बुखारी : ३३४०, अन अबी हुरैरह (र.अ)

फायदा : अल्लामा इब्ने क़य्यिम ने लिखा है के बकरी के गोश्त में सब से हल्की गिज़ा का हिस्सा गरदन और दस्त है, उसके खाने से मेदे में भारीपन नहीं होता।

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

दुआए जिब्रईल से इलाज

हजरत आयशा (र.अ) बयान करती है के जब रसूलुल्लाह (ﷺ) बीमार हुए,
तो जिब्रईल ने इस दुआ को पढ़ कर दम किया:

[ ” اللہ کے نام سے ، وہ آپ کو بچائے اور ہر بیماری سے شفا دے اور حسد کرنے والے کے شر سے جب وہ حسد کرے اورنظر لگانے والی ہر آنکھ کے شرسے ( آپ کومحفوظ رکھے ۔ ) ” ]

तर्जुमा: “अल्लाह के नाम पर, वह आपको बचाये और आपको हर बीमारी और हसद की बुराई से, जब वह हसद करता है और हर आंख की बुराई से (जो आपको महफूज़ रखे)।”

📕 मुस्लिम: ५६९९

और देखे :