25 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

हिलफुल फुजूल

अरब में जुल्म व सितम और चोरी व डाका जनी आम थी, लोगों के हुक़ूक़ पामाल किये जाते कमजोरों का हक़ दबाया जाता था। इस जुर्म में अवाम व खवास सभी मुब्तला थे। इसी तरह का एक मामला मक्का मुकर्रमा में भी पेश आया के एक सरदार ने बाहर के एक ताजिर से सामान खरीदा और पूरी कीमत नहीं दी। इसके बाद मक्का के चंद नेक लोगों ने

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

3. एक फर्ज के बारे में

अमानत का वापस करना

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“अल्लाह तआला तुम को हुक्म देता है के जिन की अमानतें हैं उनको लौटा दो।”

📕 सूरह निसा: ५८

फायदा : अगर किसी ने किसी शख्स के पास कोई चीज़ अमानत के तौर पर रखी हो तो मुतालबे के वक़्त उसका अदा करना जरूरी है।

4. एक सुन्नत के बारे में

बुढ़ापे में रिज़्क में बरकत की दुआ

बुढ़ापे में रिज्क में बरकत के लिये यह दुआ पढ़ें :

( اللهم اجعل أوسع رزقك على عند كبر سنئ وانقطاع غمري )

तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मेरी बड़ी उम्र में अपना रिज्क मुझपर ज़्यादा कर दे।

📕 मुस्तदरक : १९८७. अन आयशा रज़ि०

5. एक अहेम अमल की फजीलत

6. एक गुनाह के बारे में

अल्लाह और रसूल की नाफरमानी का गुनाह

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

“जो शख्स अल्लाह और उस के रसूल की नाफर्मानी करेगा, और उसकी (मुकर्रर की हुई) हदों से आगे बढ़ेगा तो अल्लाह तआला उस को आग में दाखिल करेगा, जिसमें वह हमेशा रहेगा, और उसको जलील व रुस्वा करने वाला अजाब होगा।”

📕 सूरह निसा १४

“जो शख्स अल्लाह और उसके रसूल का कहना न माने वह खुली हुई गुमराही में है।”

📕 सूर-ए-अहजाब: ३६

“बिला शुबा जो लोग अल्लाह और उस के रसूल को (उन का हुक्म न मान कर) तकलीफ देते हैं, अल्लाह तआला उन पर दुनिया व आखिरत में लानत करता है। और उन के लिये जलील करने वाला अज़ाब तय्यार कर रखा है।”

📕 सूरह अहज़ाब : ५७

7. दुनिया के बारे में

दुनिया का सामान चंद रोज़ा हैं

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“दुनिया का सामान कुछ ही दिन रहने वाला है और उस शख्स के लिये आखिरत हर तरह से बेहतर है, जो अल्लाह तआला से डरता हो और (कयामत) में तुम पर ज़र्रा बराबर भी जुल्म न किया जाएगा।”

📕 सूरह निसा : ७७

8. आख़िरत के बारे में

हमेशा की जन्नत व जहन्नम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“अल्लाह तआला जन्नतियों को जन्नत में दाखिल कर देगा और जहन्नमियों को जहन्नम में दाखिल कर देगा, फिर उन के दर्मियान एक एलान करने वाला कहेगा के ऐ जन्नतियों! अब मौत नहीं आएगी, ऐ जहन्नमियों! अब मौत नहीं आएगी (तुम में का जो जहाँ है हमेशा उस में रहेगा)”

📕 मुस्लिम: ७१८३, अन इब्ने उमर (र.अ)

9. तिब्बे नबवी से इलाज

पछना के जरिये दर्द का इलाज

हजरत इब्ने अब्बास (र.अ) बयान करते हैं के :

“रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एहराम की हालत में दर्द की वजह से सर में पछना लगवाया।”

📕 बुखारी: ५७०१

फायदा: पछना लगाने से बदन से फ़ासिद खून निकल जाता है जिस की वजह से दर्द वगैरह खत्म हो जाता है और आँख की रोशनी तेज़ हो जाती है।

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

मिस्वाक के फायदे

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने इर्शाद फ़रमाया :

“मिस्वाक मुंह की सफाई और अल्लाह की रज़ामंदी का ज़रिया है।”

📕 नसई : ५, अन आयशा (र.अ)

फायदा : अल्लामा इब्ने कय्यिम मिस्वाक के फवाइद में लिखते हैं, यह दाँतों में चमक पैदा करती है, मसूड़ों में मज़बूती और मुँह की बदबू ख़त्म करती है, जिससे दिमाग़ पाक व साफ हो जाता है। यह बलग़म को काटती है, निगाह को तेज़ और आवाज़ को साफ करती है और भी इस के बहुत से फवाइद हैं।

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