अरफा के दिन की दुआ सबसे बेहतरीन है

अरफा के दिन की दुआ सबसे बेहतरीन है

अरफा के दिन की दुआ सबसे बेहतरीन है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

सबसे बेहतर दुआ अरफा (9 ज़िल-हिज्जा) वाले दिन की दुआ है और मैंने अब तक जो कुछ (बतौर ज़िक्र) कहा है और मुझसे पहले जो दुसरे नबियों ने कहा उसमें सबसे बेहतर दुआ है –

“ला इलाहा इल्लल्लाहू, वाहदहू ला शरीका लहू, लहूल मुल्क वल-हूल हम्द, व-हूवा अला कुल्ली शैइन क़दीर”

अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा माबूद) नहीं, वो अकेला है और उसका कोई शरीक नहीं, उसी के लिए सारी बादशाही है और उसी के लिए सारी तारीफ है और वो हर चीज़ पर ख़ूब क़ुदरत रखता है।

📕 Jam e Tirmazi#3585 (Sahih)

4.5/5 - (22 votes)
10 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa

10. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

मुसलमानों पर कुफ्फार का जुल्म व सितम, मोजज़ा: दरख्त का आप (ﷺ) की खिदमत में आना, एक फर्ज: अमानत का वापस करना, एक सुन्नत: मोहताजगी व जिल्लत से पनाह माँगना, एक अहेम अमल: हलाल रोज़ी हासिल करना, किसी के वालिदैन को बुरा भला कहने का गुनाह …

9 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa

9. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

कुफ्फार का हुजूर (ﷺ) को तकलीफें पहुंचाना, पत्तों में अल्लाह की कुदरत, इल्म हासिल करना जरूरी है, अमल : तहज्जुद की निय्यत कर के सोना, हराम माल से सदक़ा करने का गुनाह, दुनियावी ख्वाहिशों को पूरा करने का अंजाम …

Meri Namaz Roza Qurbani sab Allah ke liye hai.jpg

मेरी नमाज़, क़ुरबानी, मेरा जीना मरना सब कुछ अल्लाह के लिए है

۞ बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम ۞

मेरी नमाज़, क़ुरबानी, मेरा जीना मरना सब कुछ अल्लाह के लिए है

“आप फ़रमा दीजिए बेशक! मेरी नमाज़ मेरी कुर्बानी मेरा जीना मेरा मरना सब कुछ अल्लाह ही के लिए है जो सारे जहान का मालिक है।”

📕 क़ुरआन; सूरह अल अनआम 6:162

4.7/5 - (12 votes)
Qurbani ka Gosht 3 din se jyada rakhna kaisa Hadees ki roshni me

कुर्बानी का गोश्त ३ दिन से ज्यादा रखना कैसा ?

कुर्बानी का गोश्त ३ दिन से ज्यादा रखना कैसा है ?

अल्लाह के रसूल ने 3 दिन से ज़्यादा कुर्बानी का गोश्त रखने से कभी मना नहीं किया।

उम्मुल मोमिनीन आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा से पूछा गया –
क्या रसूल अल्लाह (ﷺ) ने तीन दिन से ज़्यादा कुर्बानी का गोश्त खाने से मना किया है ?

उन्हों ने कहा अल्लाह के रसूल ने ऐसा कभी नहीं किया सिर्फ़ एक साल उस का हुक्म दिया था जिस साल सुखा पड़ा था अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने चाहा था ( उस हुक्म के ज़रिए ) के जो मालदार है वो ( गोश्त जमा करने के बजाए ) मोहताजो को खिला दें (यानी गरीबों में गोश्त बांट दे )।

📕 बुखारी शरीफ़ हदीस नं. 5423

Qurbani ka Gosht 3 din se jyada rakhna kaisa

5/5 - (9 votes)

नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी गन्दगी को

नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी गन्दगी को

۞ हदीस: अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:

“नमाज़ गुनाहों को ऐसे ही खत्म कर देती है जिस तरह पानी मैल-कुचैल (गन्दगी) को खत्म कर देता है।”

📕 सुनन इब्ने माजाह; हदीस 1397

4.4/5 - (28 votes)
Sharab se bacho kyunki wo har burayi ki chabi hai

Sharab se bacho kyunki wo har burayi ki chabi hai

— Roman Urdu Hadees —

Allah ke Rasool (ﷺ) ka farman hai:

Sharab se bacho isiliye kyunki wo har burayi ki chabi hai.

📚 Mustadrak: 7313


— हिंदी हदीस —

अल्लाह के अंतिम पैगम्बर (ﷺ) ने फ़रमाया :

शराब से बचो इसलिए क्यूंकि वो हर बुराई की चाबी है।

मुस्तदरक: ७३१३


— English Hadith —

Do not drink wine, for it is the key to all evils.’”

Sayings of Prophet (ﷺ)
Grade : Hasan (Darussalam)
English reference : Vol. 4, Book 30, Hadith 3371
Arabic reference : Book 30, Hadith 3496

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नशा थोड़ा भी खतरनाक है, ज़्यादा लेने पर मदहोशी देने वाले का थोड़ा भी निषिद्ध है।

नशा थोड़ा भी खतरनाक है

नशा खतरनाक है :   “थोड़ा भी खतरनाक है! ज़्यादा लेने पर मदहोशी देने वाले का थोड़ा भी निषिद्ध है।” [ पैगंबर … Read More

April Fool aur Islam | अप्रैल फूल और इस्लाम

अप्रैल फूल और इस्लाम | April Fool aur Islam

अप्रैल फूल मनाना इस्लाम में जायज़ नहीं क्योंकि इस दिन लोगों को हंसाने और लोगों को प्रैक के नाम पर परेशान करने के लिए “झूठ” बोला जाता है।

jo choton par raham nahi karta wo hum me se nahi

जो भी अपने से छोटों पर रहम नहीं करता वो हम में से नहीं

अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमायाः

“जो भी अपने छोटे (युवाओं-बच्चों) पर रहम नहीं करता
और जो बड़ों के हक अदा नहीं करता
वो हम (मोमिनों) में से नहीं है।”

[ मुसनद अहमद – 7033 ]

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Dusro ke baare me bure khayal mat rakho

दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है

अल्लाह के अन्तिम ईशदूत मुहम्मद (ﷺ) ने कहा कि :

” दूसरों के बारे में बुरे विचार मत रखो क्योंकि यह अधिकतर झूठे होते है।
लोगों की खराबियों को मत ढूंढो,
दूसरों से जलन न रखो, किसी के पीठ पीछे उसकी बुराई न करो,
घृणा न करो, ईश्वर के भक्त और भाई-भाई बन कर रहो।”

[ बुखारी शरीफ 6064 ]

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किसी मोमिन के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो

किसी मोमिन के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो।

पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया:

❝ किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो। ❞

[ तिरमिज़ी ]

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Tumhara Maal aur Aulad bas Aazmaish hai

तुम्हारा माल और औलादे बस आज़माइश है

अल्लाह तआला कुरान ए करीम में फरमाता है:

“तुम्हारे माल (दौलत) और तुम्हारी औलादे (संतान) बस आज़माइश (परीक्षा) है
और अल्लाह के यहाँ तो बड़ा अज्र (पुण्य) मौजूद है।”

[ पवित्र कुरआन ६४:१५ ]

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तीन कार्य जिसमें है, वह सुनिश्चित कपटी है। झूठी बोली, वादा न निभाना और धोखेबाज होना।

तीन कार्य जिसमें है, वह सुनिश्चित कपटी है। झूठी बोली, वादा न निभाना और धोखेबाज होना।

कपट त्याग दें :   “तीन कार्य जिसमें है, वह सुनिश्चित कपटी है। झूठी बोली, वादा न निभाना और धोखेबाज होना” … Read More

प्रेम की पवित्रता: विवाह से ही पवित्र प्रेम होता है। विवाह से पहले या बाद अवैध संबंध अनैतिक और विनाशकारी हैं।

प्रेम की पवित्रता: विवाह से पहले या बाद अवैध संबंध अनैतिक और विनाशकारी हैं।

प्रेम की पवित्रता: 

विवाह से ही पवित्र प्रेम होता है।

विवाह से पहले या बाद अवैध संबंध अनैतिक और विनाशकारी हैं। 

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वह वक्त करीब है जब मुसलमानो का सबसे उम्दा माल

वह वक्त करीब है जब मुसलमानो का सबसे उम्दा माल

नबी करीम (ﷺ) ने फरमाया:

❝ वह वक्त करीब है जब मुसलमानो का सबसे उम्दा माल
(उसकी बकरियां होंगी)

जिनके पीछे वो पहाड़ो की चोंटी और बरसाती वादियों में
अपने दिन को बचाने के लिए कूच कर जायेगा। ❞

सहीह बुखारी 19;
बुक 2, हदीस 12

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विरोध समस्यावों के हल के लिए होना चाहिए, नई समस्याएं पैदा करने के लिए नहीं। [कुरआन २:२५६]

विरोध समस्यावों के हल के लिए होना चाहिए, नई समस्याएं पैदा करने के लिए नहीं। [कुरआन २:२५६]

समझ भावना को संयम में लता है: 

“विरोध समस्यावों के हल के लिए होना चाहिए,
नई समस्याएं पैदा करने के लिए नहीं।” 

[ कुरआन २:२५६ ]

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अल्लाह आपके रूप या धन की ओर नहीं बल्कि दिल और कर्म की ओर देखता है।

अल्लाह आपके रूप या धन की ओर नहीं बल्कि दिल और कर्म की ओर देखता है। [हजरत मुहम्मद ﷺ]

सुधार चाहिए दिल को।  

“सुनिश्चत, अल्लाह आपके रूप या धन की ओर नहीं देखते; बल्कि देखते हैं आपके दिल और कर्म की ओर।”

[ हजरत मुहम्मद ﷺ ]

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धोकेबाजी से सावधान रहें।

धोकेबाजी से सावधान रहें।

धोकेबाजी से सावधान रहें।

“झूठे वादे और चमक-धमक वाले उपहारों के द्वारा अनुचित कर्म करवाने का आह्वान करने वाले, दोस्त नहीं धोखेबाज हैं।”

नकली संबंधों में अपनी गरिमा और जीवन का बलिदान न करें।

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धर्म आत्मज्ञान के लिए है तथा आस्था, कर्म और संस्कृति का संगम जब होता है

धर्म आत्मज्ञान के लिए है तथा आस्था, कर्म और संस्कृति का संगम जब होता है

धर्म आत्मज्ञान के लिए है।

“आस्था, कर्म और संस्कृति का संगम जब होता है तब धर्म प्रबुद्ध होता है। इन में से एक की भी कमी धर्म की आत्मा को नष्ट कर देती है।”

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3. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

3. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

(1). हुजूर (ﷺ) गारे हिरा में, (2). इंसान की हड्डियों में अल्लाह की कुदरत, (3). ज़कात अदा करना, (4). छींक आए तो मुंह पर कपड़ा या हाथ रख ले, (5). अपने घरवालों पर खर्च करने की फ़ज़ीलत, (6). तिजारत में झूट बोलने का गुनाह, (7). बद नसीबी की पहचान, (8). , (9). नींद न आने का इलाज, (10). अपनी औलाद को कत्ल न करो।

और (हे मनुष्य!) तेरे पालनहार ने आदेश दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत (वंदना) न करो तथा माता-पिता के साथ उपकार करो।” [कुरआन १७:२३]

और (हे मनुष्य!) तेरे पालनहार ने आदेश दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत (वंदना) न करो तथा माता-पिता के साथ उपकार करो।” [कुरआन १७:२३]

अच्छाई उदारता नहीं है: 

माता-पिता के साथ अच्छा बर्ताव अनिवार्य है उदारता नहीं।

“और (हे मनुष्य!) तेरे पालनहार ने आदेश दिया है कि उसके सिवा किसी की इबादत (वंदना) न करो तथा माता-पिता के साथ उपकार करो।”

(कुरआन १७:२३)

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Sataaye hue ki aah se bacho, kyunki uske aur Allah ke bich koi rukawat nahi hoti

सताए हुए की आह से बचो, क्यूंकि उसके और अल्लाह के मध्य कोई रुकावट नहीं होती।

पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया:

❝ सताए हुए की आह से बचो, क्यूंकि उसके और अल्लाह के मध्य कोई रुकावट नहीं होती। ❞

📕 बुख़ारी

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अल्लाह के साथ शिर्क न करना अगरचे तुम टुकड़े टुकड़े कर दिए जाओ और जला दिए जाओ। [हदीस: इब्ने माजाह 4034] #IplusTV #IslamicQuotes

अल्लाह के साथ शिर्क न करना अगरचे तुम टुकड़े टुकड़े कर दिए जाओ और जला दिए जाओ। [हदीस: इब्ने माजाह 4034]

۞ हदीस : अल्लाह के पैगम्बर (ﷺ) ने फ़रमाया :

“अल्लाह के साथ शिर्क न करना अगरचे तुम टुकड़े टुकड़े कर दिए जाओ और जला दिए जाओ।”

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सत्य साधक के लिए कुरआन मार्गदर्शक है। “वास्तव में, ये कुरआन वह मार्ग दिखाता है, जो सबसे सीधी है…” (कुरआन 17:9)

सत्य साधक के लिए कुरआन मार्गदर्शक है। “वास्तव में, ये कुरआन वह मार्ग दिखाता है, जो सबसे सीधी है…” (कुरआन 17:9)

सत्य साधक के लिए कुरआन  मार्गदर्शक है।

“वास्तव में, ये कुरआन वह मार्ग दिखाता है, जो सबसे सीधी है…”

(कुरआन  17:9)

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संदेह पैदा करनेवाले को छोड़कर निःसंदेह वाले को स्वीकार करें। सत्य शांति है और असत्य शंका।” (हजरत मुहम्मद ﷺ)

संदेह पैदा करनेवाले को छोड़कर निःसंदेह वाले को स्वीकार करें। सत्य शांति है और असत्य शंका।” (हजरत मुहम्मद ﷺ)

अनिश्चित्व/ संदेह में शांति नहीं।

संदेह पैदा करनेवाले को छोड़कर निःसंदेह वाले को स्वीकार करें। सत्य शांति है और असत्य शंका।”

(हजरत मुहम्मद ﷺ)

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