बोहतान – झूठा इलज़ाम लगाने का अज़ाब
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “जिस ने किसी मोमिन के बारे में ऐसी बात कही जो उस में नहीं है, तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों के पीप में डाल देगा, यहाँ तक के उस की सजा पा कर उस से निकल जाए।”
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तमाम गुनाह वाले आमाल के बारे में तफ्सील में जानकारी कुरान और हदीस की रौशनी में।
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “जिस ने किसी मोमिन के बारे में ऐसी बात कही जो उस में नहीं है, तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों के पीप में डाल देगा, यहाँ तक के उस की सजा पा कर उस से निकल जाए।”
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “जो लोग हमारी आयतों का इन्कार करते रहे हैं, तो वही बडवख्त हैं, (जिन को बाएँ हाथ में नाम-ए-आमाल दिया जाएगा) उन पर चारों तरफ से बंद की हुई आग को मुसल्लत कर दिया जाएगा।”
रसलल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “हर पीर व जुमेरात को (अल्लाह की बारगाह में) आमाल पेश किए जाते है, अल्लाह तआला उन दिनों में हर ऐसे आदमी की मगफिरत फर्मा देता है जो अल्लाह के साथ किसी को शरीक नहीं करता मगर ( उन दो आदमियों की मगफिरत नहीं करता ) जिन के दर्मियान दुश्मनी […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “जिसने अपने पड़ोसी को तकलीफ दी, उस ने मुझे तकलीफ दी और जिस ने मुझे तकलीफ दी उस ने अल्लाह को तकलीफ दी और जिसने अपने पड़ोसी से झगड़ा किया, उसने मुझ से झगड़ा किया और जिसने मुझ से झगड़ा किया तो उसने अल्लाह से झगड़ा किया।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जिस शख्स ने बुखल किया और लापरवाही करता रहा और भली बात (ईमान) को झुटलाया, तो हम उसके लिये तकलीफ व मुसीबत का रास्ता आसान कर देंगे (यानी जहन्नम में पहुँचा देंगे)।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : “हर गुनाह के बारे में अल्लाह से उम्मीद है के वह माफ कर देगा, सिवाए उस आदमी के जो अल्लाह तआला के साथ किसी को शरीक करने की हालत में मरा हो या उस ने किसी मोमिन को जान बूझ कर क़त्ल किया हो।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जो लोग अल्लाह तआला के रास्ते से भटकते हैं, उनके लिये सख्त अज़ाब है, इस लिये के वह हिसाब के दिन को भूले हुए हैं।”
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “अल्लाह तआला ने शराब और उस की कीमत, मुरदार और उसकी कीमत, खिन्जीर और उसकी क़ीमत को हराम कर दिया है।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “उन लोगों ने अल्लाह तआला को छोड़ कर और माबूद बना लिये हैं, इस उम्मीद पर के उन की मदद कर दी जाएगी। वह उन की कुछ मदद कर ही नहीं सकते; बल्के वह उन लोगों के हक़ में फरीके मुखालिफ बन कर हाजिर किये जाएँगे।”
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जो आदमी ऐसे लोगों के दर्मियान रह कर गुनाह के काम करता हो के वह उस को रोकने पर कादिर हों, मगर फिर भी न रोकें तो अल्लाह तआला मरने से पहले उन को भी उस गुनाह के अज़ाब में मुब्तला कर देगा।”
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “यतीमों के माल उन को देते रहा करो और पाक माल को नापाक माल से न बदलो और उन का माल अपने मालों के साथ मिला कर मत खाओ ऐसा करना यकीनन बहुत बड़ा गुनाह है।”
रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जिस ने अपने मातहत पर किसी ऐसी बात की तोहमत लगाई जिस से वह बरी है तो उस पर क़यामत के दिन हद जारी की जाएगी। मगर यह के वह कही हुई बात उस में मौजूद हो।”
कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : “जो लोग बुरी बुरी तदबीरें (बुरी चाल) करते हैं उन को सख्त अज़ाब होगा और उन की सब तदबीरे (प्लानिंग) नाकाम हो जाएँगी।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “जो शख्स मेरी उम्मत की किसी छोटी या बड़ी जमात का जिम्मेदार बने फिर उनके दर्मियान अदल व इन्साफ न करे तो अल्लाह तआला उसको औंधे मुंह जहन्नम में डाल देगा।”
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “खुश्की और तरी (यानी पूरी दुनिया) में लोगों के बुरे आमाल की वजह से हलाकत व तबाही फैल गई है, ताके अल्लाह तआला उन्हें उन के बाज़ आमाल (की सज़ा) का मजा चखा दे, ताके वह अपने बुरे आमाल से बाज आ जाएँ।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “जो चाँदी के बर्तन में पानी वगैरा पीते हैं। वह अपने पेट में जहन्नम की आग भर रहे हैं।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “किसी ने अपने (मुसलमान) भाई की किसी चीज़ में सिफारिश की और सिफारिश करने पर सामने वाले ने उस को कोई चीज बतौरे हदिया पेश की और उस ने कुबूल कर ली, तो वह सूद के बहुत बड़े दरवाजे पर आ पहुँचा।”
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जो लोग रसूलुल्लाह (ﷺ) के हुक्म की खिलाफ वरजी करते हैं, उनको इस से डरना चाहिये के कोई आफत उन पर आ पड़े या कोई दर्दनाक अज़ाब उन पर आ जाए।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “तुम जुल्म व सितम करने से बचो ! क्योंकि जुल्म व सितम की सज़ा दूसरी सजाओं के मकाबले में सबसे जल्दी मिलती है और वालिदैन की नाफर्मानी से बचो! अल्लाह की। कसम वालिदैन का नाफ़र्मान जन्नत की खुश्बू भी नहीं पाएगा। जब के जन्नत की खुश्बू एक हजार साल की […]
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “(शिर्क के बाद) सब से बड़ा गुनाह यह है के आदमी अपने माँ बाप पर लानत करे। अर्ज किया गया: ऐ अल्लाह के रसूल ! कोई अपने माँ बाप पर लानत कैसे भेज सकता है? फर्माया : इस तरह के जब किसी के माँ बाप को बुरा भला कहेगा तो वह […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : “तुम में से किसी के सर में लोहे की कील ठोंक दिया जाना इस से बेहतर है के वह किसी ऐसी (अजनबी) औरत को छुए जो उसके लिये हलाल नहीं है।”
कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “यक़ीनन जो लोग अल्लाह तआला से अहेद कर के उस अहेद को और अपनी क़स्मों को थोड़ी सी कीमत पर फरोख्त कर डालते हैं, तो ऐसे लोगों का आखिरत में कोई हिस्सा नहीं और न अल्लाह तआला उनसे बात करेगा और न कयामत के दिन (रहमत की नज़र से) […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : “ताजिर लोग बड़े गुनहगार होते हैं। लोगों ने कहा : या रसूलल्लाह (ﷺ) ! क्या अल्लाह तआला ने तिजारत को हलाल नहीं किया? आप (ﷺ) ने फ़रमाया : “हाँ बेशक, लेकिन वह कसम खा कर गुनहगार होते हैं और बात करते हुए झूट बोलते हैं।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है: “जो लोग अल्लाह और उसके रसूल से लड़ते हैं, जमीन में फसाद करने की कोशिश करते हैं, ऐसे लोगों की बस यही सजा है के वह कत्ल कर दिये जाएं या सूली पर चढ़ा दिये जाएँ या उनके हाथ और पाँव मुखालिफ जानिब से काट दिये जाएं या वह […]
रसूलुल्लाह ने फरमाया : “जकात का अदा न करने वाला क़यामत के दिन जहन्नम में जाएगा।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “ऐ ईमान वालो ! अल्लाह ने तुम्हारे लिये जो पाक व लजीज चीजें हलाल की हैं, उन को अपने ऊपर हराम न किया करो और (शरई) हुदूद से आगे मत बढो, बेशक अल्लाह तआला हद से आगे बढ़ने वालों को पसन्द नहीं करता।”
रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के : “मेराज की शब मेरा गुजर चंद ऐसे लोगों पर हुआ जिन के पेट धड़ों के मानिन्द बड़े बड़े थे, जिस में सांप थे, जो पेट के बाहर से नजर आते थे, मैं ने हज़रत जिब्रईल से पूछा: यह कौन लोग हैं? तो फ़रमाया: यह सूद खाने वाले हैं।”
कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : “जो क़ौमें तुम से पहले हलाक हो चुकी हैं, उन में ऐसे समझदार लोग न हुए, जो लोगों को मुल्क में फसाद फैलाने से मना करते, सिवाए चन्द लोगों के जिन को हमने अज़ाब से बचा लिया।” खुलासा: मतलब यह है के हर एक के लिये भलाई का […]
रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जब तू माल की ज़कात अदा कर दे, तो जो (वाजिब) हक़ तुझ पर था, वह तो अदा हो गया (आगे सिर्फ नवाफिल का दर्जा है) और जो शख्स हराम तरीके (सूद रिश्वत वगैरह) से माल जमा कर के सदका करे, उस को उस सदके का कोई सवाब नहीं मिलेगा, बल्के […]