सूरह बक़रह से इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“अपने घरों में सूरह बक्ररह पढ़ो, इस लिये के शयातीन व आसेब उस घर में दाखिल नहीं होते जिस घर में सूरह बक़रह पढ़ी जाती है।”

📕 मुस्तदरक : २०६२