फज़्र और अस्त्र की नमाज़ पाबन्दी से अदा करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“हरगिज़ वह आदमी जहन्नम में दाखिल नहीं हो सकता, जो सूरज निकलने से पहले फज़्र की नमाज और सूरज गुरूब होने से पहले अस्र की नमाज़ पढ़े।”

📕 मुस्लिम : १४३६