Ummat ki Islah किसी मोमिन के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो। पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया: “किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो।“ 📕 तिरमिज़ी SHARE
हर पल कीमती है। जीवन के वृक्ष से समय के पत्ते झड़ते है। “अतः जब निवृत हो तो परिश्रम में लग जाओ।” (कुरआन ९४:७) #Hadeed #DailyHadees #HadeesoftheDay Ummat ki Islah