जख्मी फलस्तीनी बच्चे ने दिला दी हजरत अली (रजी) की याद !

इजराइल के हमले से ये बच्चा जखमी हुआ’ इलाज के लिए डॉक्टर के पास जब उसको लाया गया तो डॉक्टरने पेन किलर के मौजूद न होने की वजह से इलाज को रोके रखा था।’

तब बच्चे ने इस बात की डॉक्टर से गुजारिश की मै कुरआन पढना शुरू करता हु तब आप मेरे पैरो मे टाके लगाना शूरू कीजिए।”

अल्लाह की कसम तारीख मे यह मिसाल हजरते अली (रजी) की मिलती है” के पैर मे फसा हुआ तीर निकालने के लिए नमाज मे खडे हुए और तिलावते कुरान मे इतने डूब गये के तीर निकाला गया और शेरे खुदा हजरत अली रजी को पता भी नही चला।

इस जख्मी फलस्तीनी बच्चे ने दिला दी हजरत अली (रजी) की याद। युही अल्लाह रब्बुल इज्जत अपने घर (मस्जिदे अक्सा) की हिफाजत के लिए किसी को भी नही चुना करते। ये बहादुरी युट्यूब फेसबुक या इंस्टाग्राम पर रील देखने से नही आती है” नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम और उनके सहाबा की तारीख के मुताअले से ये बहादुरी जन्म लेती है।

हम सब मिलकर अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त से दुआ करें “इलाही हम सबको कुफ़्फ़ारो पर ग़लबा नसीब फरमा।” आमीन सुम्मा आमीन 🤲🤲🤲🤲

वीडियो में देखे : जाबांज़ फलीस्तीनी बच्चे के इलाज के दौरान क़ुरआने करीम की तिलावत।

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