ज़िक्रे इलाही (अल्लाह के ज़िक्र) की फ़ज़ीलत : हदीस

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“जो किसी जगह बैठे और उसमें वो अल्लाह का जिक्र ना करे, तो यह बैठक अल्लाह की तरफ से उसके लिए बाइसे हसरत व नुकसान होगी और जो किसी जगह लेटे और उसमें अल्लाह को याद ना करे तो लेटना उसके लिए अल्लाह की तरफ से बाइसे हसरत व नुकसान होगा.”

📕 सुनन अबू दाऊद : 4856

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