सफर में गाने सुनना कैसा | Safar me Gaane Sunna Kaisa ?

सफर में गाने सुनना कैसा ?

हदीस: नबी ए करीम ﷺ ने फरमाया:

“जो शख़्स सफ़र की हालत में अल्लाह की याद और ज़िक्र में लगा रहता है तो फ़रिश्ता उसका हमसफ़र हो जाता है। और अगर मौसिकी (गाने या म्यूजिक) में मशगुल रहता है तो शैतान उसके सफर का साथी बन जाता है।”

📕 सहिह अल जामे, हदीस 5706

और भी पढ़े :

Leave a Reply