रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“कुरआन शरीफ की तिलावत किया करो, इस लिए के कयामत के दिन अपने साथी (यानी पढ़ने वाले) की शफ़ाअत करेगा।”
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- सजद-ए-तिलावत अदा करना हज़रत इब्ने उमर (र.अ) फ़र्माते हैं : “हुजूर (ﷺ) हमारे दर्मियान सजदे वाली सूरह की तिलावत फ़र्माते, तो सजदा करते और हम लोग भी सजदा करते, हत्ता के हम में से बाज़ आदमी को अपनी पेशानी रखने की जगह नहीं मिलती।” 📕 बुखारी: १७५, अन इब्ने उमर (र.अ) वजाहत: सजदे वाली आयत तिलावत…
- मौत को कसरत से याद करने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया : "दिलों में भी ज़ंग लगता है, जैसे के लोहे में जब पानी लग जाता है" तो पूछा गया (दिलों का ज़ंग) कैसे दूर होगा? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया "मौत को खूब याद करने और क़ुरआन पाक की तिलावत से।" 📕 बैहेकी फी शोअबिलईमान: १९५८,अन इब्ने…
- सजदा-ए-तिलावत की दुआ रसूलुल्लाह (ﷺ) कुआन मजीद की तिलावत करते हुए आयते सज्दा पर पहुँचते तो इस दुआ को सज्दा-ए-तिलावत में पढ़ा करते - (سجدہ وجهى على خلقه ومتى وبصره بحوله وقوته ) तर्जमा - मेरे चेहरे ने उस जात के लिये सज्दा किया जिसने उस को पैदा किया और अपनी कुदरत व…
- कुरआन पढ़ना और उस पर अमल करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जिसने कुरआन पढ़ा और उसके हुक्मों पर अमल किया, तो उसके माँ बाप को कयामत के दिन ऐसा ताज पहनाया जाएगा, जिस की रोशनी आफताब की रोशनी सभा ज्यादा होगी, अगर वह आफताब तुम्हारे घरों में मौजूद हो।" 📕 अबू दाऊद : १४५३
- कर्ज़ अदा करना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया : "क़र्ज़ की अदायगी पर ताकत रखने के बावजूद टाल मटोल करना जुल्म है।" 📕 बुखारी : २४००, अन अबू हुरैरह (र.अ) फायदा: अगर किसी ने कर्ज़ ले रखा है और उस के पास कर्ज अदा करने के लिए माल है, तो फिर कर्ज, अदा करना ज़रूरी…
- वालिदैन के साथ अच्छा सुलूक करना कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है : "हम ने इन्सानों को अपने वालिदैन के साथ हुस्ने सुलूक ही करने का हुक्म दिया है।" 📕 सूरह अहकाफ:१५ फायदा: वालिदैन की इताअत फ़रमाबरदारी करना, उनके साथ अच्छा सलूक करना और उनके सामने अदब के साथ पेश आना इन्तेहाई जरूरी है।
- इल्म हासिल करना फ़र्ज़ है ... रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : “इल्म हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज है।” 📕 इब्ने माजा: २२४ फायदा : हर मुसलमान पर इल्मे दीन का इतना हासिल करना फर्ज है के जिस से हलाल व हराम में तमीज़ कर ले और दीन की सही समझ बूझ, इबादात के तरीके और…