रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :
“बरकत खाने के बीच में उतरती है,
तुम किनारे से खाया करो,
खाने के बीच से मत खाया करो।”
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- सूद खाने का अजाब रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के : “मेराज की शब मेरा गुजर चंद ऐसे लोगों पर हुआ जिन के पेट धड़ों के मानिन्द बड़े बड़े थे, जिस में सांप थे, जो पेट के बाहर से नजर आते थे, मैं ने हज़रत जिब्रईल से पूछा: यह कौन लोग हैं? तो फ़रमाया: यह…
- एक प्याला खाने में बरकत हज़रत समुरह बिन जुन्दुबई (र.अ) फ़र्माते हैं के: “एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास कहीं से एक प्याला आया जिस में खाना था, तो उस को आपने सहाबा को खिलाया, एक जमात खाना खा कर फ़ारिग होती फिर दूसरी जमात बैठती, यह सिलसिला सुबह से जोहर तक चलता रहा, एक…
- बीमारी से बचने की तदबीरें हज़रत जाबिर (र.अ) बयान करते हैं के मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) को फर्माते हुए सुना के : "बर्तनों को ढांक दिया करो और मशकीज़े का मुँह बांध दिया करो क्योंकि साल में एक ऐसी रात आती है जिस में वबा उतरती है पस जिस बर्तन या मशकीजे का मुँह खुला रहेता…
- हुजूर (ﷺ) की दुआ की बरकत एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हज़रत अली (र.अ) को काज़ी बना कर यमन भेजा, तो हज़रत अली कहने लगे: या रसूलल्लाह! मैं तो एक नौजवान आदमी हूँ मैं उन के दर्मियान फैसला (कैसे) करूँगा? हालाँकि मैं ! तो यह भी नहीं जानता के फैसला क्या चीज है ? रसूलुल्लाह (ﷺ)…
- बुढ़ापे में रिज़्क में बरकत की दुआ बुढ़ापे में रिज्क में बरकत के लिये यह दुआ पढ़ें : ( اللهم اجعل أوسع رزقك على عند كبر سنئ وانقطاع غمري ) तर्जमा: ऐ अल्लाह ! मेरी बड़ी उम्र में अपना रिज्क मुझपर ज़्यादा कर दे। 📕 मुस्तदरक : १९८७. अन आयशा रज़ि०
- मुंह में रतूबत (थूक) अल्लाह तआला ने मुंह में तरी को पोशीदा रखा है के खाना मुंह में रख कर चबाते वक्त वह तरी पैदा होती है और खाने के साथ मिल कर उसके हज्म होने में मदद करती है, आम हालात में वह तरी हल्की रहती है, जिससे हलकतर रहे और सूखने न…
- तीन उंगलियों से खाना हजरत कअब बिन मालिक (र.अ) फरमाते हैं : रसूलुल्लाह (ﷺ) तीन उंगलियों से खाते थे और जब खाने से फारिग हो जाते तो उंगलियाँ चाट लेते थे। 📕 मुस्लिम: ५२९८ नोट: खाने के बाद उंगलियों को चाटना सुन्नत है, लेकिन इस तरह नहीं चाटना चाहिये के देखने वाले को नागवार…