रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:
“जिस ने हलाल कमाई से अल्लाह की इबादत के लिये घर बनाया, तो अल्लाह तआला उस के लिये जन्नत में कीमती मोती और याकूत का शानदार घर बनाएगा।”
📕 मोअजमुल औसत : ५२१६, अन अबी हुरैरह (र.अ)
और पढ़े:
- घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत घर में नफील नमाज़ पढ़ने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "जब तुम में से कोई मस्जिद में (फ़र्ज़) नमाज़ अदा कर ले, तो अपनी नमाज़ में से कुछ हिस्सा घर के लिए भी छोड़ दे; क्योंकि अल्लाह तआला बन्दे की (नफ़्ल) नमाज़ की वजह से उस के घर…
- मस्जिद में दाखिल होने के लिए पाक होना रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: "किसी हाइजा औरत और किसी जनबी : यानी नापाक आदमी के लिए मस्जिद में दाखिल होने की बिल्कुल इजाजत नहीं है।" 📕 अबू दाऊद : २३२, अन आयशा (र.अ) वजाहत: मस्जिद में दाखिल होने के लिये हैज व निफ़ास और जनाबत से पाक होना जरुरी है।
- जमात के लिये मस्जिद जाने की फ़ज़ीलत रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: "जो शख्स बाजमात नमाज के लिये मस्जिद में जाए तो आते जाते हर कदम पर एक गुनाह मिटता है (हर कदम पर) और उसके लिये एक नेकी लिखी जाती है।" 📕 मुस्नदे अहमद : ६५६३
- मस्जिद की सफाई का इन्आम रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जो शख्स मस्जिद का कूड़ा करकट साफ़ करेगा, अल्लाह तआला उस का घर जन्नत में बनायेगा।” 📕 इब्ने माजा:७५७, अबी सईद (र.अ)
- अच्छी तरह वुजू कर के नमाज़ के लिये मस्जिद… रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : "तुम में से जो शख्स अच्छी तरह मुकम्मल वुजू करता है, फिर नमाज ही के इरादे से मस्जिद में आता है, तो अल्लाह तआला उस बंदे से ऐसे खुश होता हैं जैसे के किसी दूर गए हुए रिश्तेदार के अचानक आने से उसके घर वाले…
- लोगों से अपनी जरूरत छुपाए रखने की फ़ज़ीलत रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया : "जो शख्स भूका हो, या उस को कोई और खास हाजत हो और वह अपनी उस भूक और हाजत को लोगों से छुपाए रखे (यानी उन के सामने जाहिर कर के उनसे सवाल न करे) तो अल्लाह तआला के जिम्मे है के उस को हलाल…
- मस्जिद में दुनिया की बातें करने का गुनाह रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: “एक जमाना ऐसा आएगा के लोग मस्जिद में हलके लगाकर दुनियावी बातें करेंगे, तुमको चाहिये के उन लोगों के पास बिल्कुल न बैठो, अल्लाह को उन लोगों से कोई वास्ता नहीं।" 📕 मुस्तदरक : ७९१६