घरवालों पर सवाब की नियत से खर्च करना भी सदक़ा है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जब आदमी अपने अहले खाना पर सवाब की निय्यत से खर्च करता है, तो यह खर्च करना उस के हक में सद्का है।”

📕 बुखारी: ५५