कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“खुश्की और तरी (यानी पूरी दुनिया) में लोगों के बुरे आमाल की वजह से हलाकत व तबाही फैल गई है, ताके अल्लाह तआला उन्हें उन के बाज़ आमाल (की सज़ा) का मजा चखा दे, ताके वह अपने बुरे आमाल से बाज आ जाएँ।”
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- कुरआन सुनने से रोकने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "यह काफिर लोग (एक दूसरे से) कहते हैं के इस कुरआन को मत सुना करो और उस के दौरान शोर मचाया करो, उम्मीद है के इस तरह तुम ग़ालिब आ जाओगे। उन काफिरों को हम सख्त अज़ाब का मज़ा चखाएँगे और यकीनन हम उनको…
- हर एक को नाम-ए-आमाल के साथ बुलाया जाएगा कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: “वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन तमाम आदमियों को उनके नाम-ए-आमाल के साथ मैदाने हश्र में बुलाएंगे, फिर जिनका नाम-ए-आमाल उन के दाहिने हाथ में दिया जाएगा, तो वह (खुश हो कर) अपने नाम-ए-आमाल को पढ़ने लगेंगे उन पर एक धागे…
- रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला… क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है : "जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।" 📕 सूरह क़सस: 84
- अच्छे और बुरे बराबर नहीं हो सकते कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "क्या वह लोग जो बुरे काम करते हैं, यह समझते हैं के हम उन्हें और उन लोगों को बराबर कर देंगे जो ईमान लाते हैं और नेक अमल करते हैं के उन का मरना और जीना बराबर हो जाए, उनका यह फैसला बहुत ही…
- बुरे लोगों की सोहबत से बचने की दुआ अपने आप को और अपनी औलाद को बुरे लोगों की सोहबत से बचाने के लिये यह दुआ पढ़े: “Rabbi najjinee waahlee mimma yaAAmaloon” तर्जमा: ऐ मेरे रब! मुझे और मेरे अहल व अयाल को उनके (बुरे) काम से नजात अता फ़र्मा। 📕 सूरह शुअरा : १६९
- अल्लाह तआला को तुम्हारे सब आमाल की खबर है कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : "ऐ ईमान वालो ! अल्लाह से डरते रहो और हर शख्स को इस बात पर गौर करना चाहिये के उस ने कल (आखिरत) के लिये क्या आगे भेजा है और अल्लाह से डरते रहो और अल्लाह तआला को तुम्हारे सब आमाल की खबर…
- कुरआन का मजाक उड़ाने का गुनाह कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है: "जब इन्सान के सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो कहता है के यह पहले लोगों के किस्से कहानियां हैं। हरगिज़ नहीं! बल्के उन के बुरे कामों के सबब उन के दिलों पर जंग लग गया है।" 📕 सूरह मुतफ्फिफीन: १३ ता १४