Ummat ki Islah किसी मोमिन के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो। पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया: “किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो।“ 📕 तिरमिज़ी SHARE
Al-Quran: Jo Shakhs koi buri Sifarish karta hai, usey us burayi se hissa (Gunaah) milta hai Ummat ki Islah
प्यारे नबी (सल्ल॰) ने औरत को मर्द के बराबर दर्जा दिया: वेनगताचिल्लम अडियार (अब्दुल्लाह अडियार) Dawat-e-Ilallah गैरमुस्लिमो के विचार सत्य की खोज