Ummat ki Islah किसी मोमिन के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो। पैग़म्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया: “किसी मोमिन (आस्तिक) के लिए यह उचित नहीं के उसमे लानत करते रहने की आदत हो।“ 📕 तिरमिज़ी SHARE
Munshi Premchand About Islam – प्रसिद्ध साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद के विचार इस्लाम के बारे में Dawat-e-Ilallah गैरमुस्लिमो के विचार