20 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

मुसलमानों की हिजरते हबशा

जब कुफ्फार व मुशरिकीन ने मुसलमानों को बेहद सताना शुरू किया, तो रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सहाबा-ए-किराम को इजाजत दे दी के जो चाहे अपनी जान और ईमान की हिफाजत के लिये मुल्के हबशा चला जाए। वहाँ का बादशाह किसी पर जुल्म नहीं करता, वह एक अच्छा मुल्क है। उस के बाद सहाबा की एक छोटी सी जमात माहे रज्जब सन ५ नबवी में

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

समुन्दर इन्सानों की गिजा का ज़रिया है

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“अल्लाह तआला ही ने समुन्दर को तुम्हारे काम में लगा दिया है, ताके तुम उस में से ताज़ा गोश्त खाओ और उसमें से जेवरात (मोती वगैरह) निकालो जिन को तुम पहनते हो और तुम कश्तियों को देखते हो, के वह दरिया में पानी चिरती हुई चली जा रही है, ताकि तुम अल्लाह तआला का फज़ल यानी रोजी तलाश कर सको और तुम शुक्र अदा करते रहो।”

📕 सूरह नहल : १४

3. एक फर्ज के बारे में

ज़कात अदा करना

हज़रत अब्दुल्लाह बिन मसऊद (र.अ) इर्शाद फ़र्माते हैं के,

“हमें नमाज़ कायम करने का और जकात अदा करने का हुक्म है और जो शख्स जकात अदा न करे उसकी नमाज़ भी (क़बूल) नहीं।”

📕 तबरानी फिल कबीर : ९९५०

4. एक सुन्नत के बारे में

इस्मे आजम का वजीफा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने एक शख्स को दुआ मांगते हुए सुना तो फ़र्माया :

तुम ने इस्मे आजम के साथ दुआ मांगी है के उस के साथ जो भी सवाल व दुआ की जाती है वह पूरी की जाती है, वह इस्मे आज़म यह है –

“Allahu la ilaha illa hu al ahad’us samad’ ulladhee lam yalid walam yulad wa lam yakun lahu kufuwan ahad”

📕 तिर्मिज़ी : ३४७५, अन बुरैदा (र.अ)

5. एक अहेम अमल की फजीलत

यतीम की परवरिश करना

रसुलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“मुसलमानों में बेहतरीन घर वह है, जिसमें कोई यतीम हो और उससे अच्छा सुलूक किया जाए और मुसलमानों में बदतरीन घर वह है जिस में कोई यतीम हो और उस के साथ बुरा सुलूक किया जाए।”

📕 इब्ने माजा: ३६७९

6. एक गुनाह के बारे में

गुमशुदा चीज़ उठाकर अपने पास रखने का गुनाह: हदीस

Gumshuda cheez uthakar apne paas rakhne ka gunah Hadees

गुमशुदा चीज़ उठाकर अपने पास रखने का गुनाह

अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फ़रमाया:

“जो शख़्स गुमशुदाह चीज़ उठाके अपने पास रखे और उस (गुमशुदा चीज़) को (लौटाने के नियत से लोगो में) ऐलान ना करे तो वो शख़्स गुमराह है।”

📕 सहीह मुस्लिम, हदीस 4402

7. दुनिया के बारे में

माल व दौलत आज़माइश की चीजें हैं

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“(जब अल्लाह तआला) इन्सान को आजमाता है तो उस को (जाहिरन माल व दौलत दे कर) उसका इकराम करता है, तो वह (बतौरे फन) कहने लगता है, के मेरे रब ने मेरी कद्र बढ़ा दी।
(हालांके यह उसकी तरफ से इसकी आज़माइश का ज़रिया है)।”

📕 सूरह फज्र : १५

8. आख़िरत के बारे में

कयामत का मंजर

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:

“अगर (आखिरत के हौलनाक अहवाल के मुतअल्लिक) तुम्हें वह सब मालूम हो जाए जो मुझे मालूम है, तो तुम्हारा हँसना बहुत कम हो जाए और रोना बहुत बढ़ जाए।”

📕 बुखारी : ६४८६

9. तिब्बे नबवी से इलाज

हर बीमारी का इलाज

एक मर्तबा हज़रत जिब्रईल (अ) रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास तशरीफ़ लाए और पूछा: ऐ मुहम्मद (ﷺ) ! क्या आप को तकलीफ है? रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: हाँ! तो जिब्रईल ने यह दुआ पढ़ी:

तर्जमा: अल्लाह के नाम से दम करता हूँ हर उस चीज़ से जो आपको तकलीफ़ दे ख्वाह किसी जानदार की बुराई हो या हसद करने वाली आँख की बुराई हो, अल्लाह के नाम से दम करता हूँ, अल्लाह आप को शिफा दे।

📕 तिर्मिज़ी : ९७२

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

ऑपरेशन से फोड़े का इलाज

हजरत अस्मा बिन्ते अबी बक्र (र.अ) कहती हैं के : मेरी गर्दन में एक फोड़ा निकल आया, जिसका जिक्र हुजूर (ﷺ) से किया गया, तो आप (ﷺ) ने फ़रमाया :

“उसे खोल दो (फोड़ दो) और छोड़ो मत, वरना गोश्त खाएगा और खून चूसेगा, (यानी उसका खराब माद्दा अगर वक्त पर न निकाला गया तो ज़ख्म को और ज़ियादा बढाकर गोश्त और खून को बिगाड़ता रहेगा)।”

📕 मुस्तदरक हाकिम : ८२५०

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