25 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

जंगे ओहद

जंगे ओहद

जंगे बद्र की शिकस्त से कुरैशे मक्का के हौसले तो पस्त हो गए थे, मगर उन में ग़म व गुस्से की आग भड़क रही थी, उस आग ने उन को एक दिन भी चैन से बैठ ने न दिया।

एक साल तो उन्होंने किसी तरह गुजारा, लेकिन सन ३ हिजरी में अबू सुफियान ने मुकम्मल तय्यारी के साथ तीन हजार का लश्कर ले कर मदीना के बाहर उहुद पहाड़ के पास पड़ाव डाला, उस के साथ तीन हजार ऊँट, दो सौ घोड़े और सात सौ आदमी जिरह पहने हुए थे।

रसूलुल्लाह (ﷺ) शव्वाल सन ३ हिजरी में नमाज़े जमा अदा कर के एक हजार मुसलमानों को ले कर उहद की तरफ रवाना हुए, मगर ऐन वक्त पर मुनाफिक़ों ने धोका दे दिया और अब्दुल्लाह बिन उबइ अपने तीन सौ आदमियों को ले कर वापस हो गया।

अब मुसलमानों की तादाद सिर्फ सात सौ रह गई, उहुद के मक़ाम पर लड़ाई शुरू हुई और दोनों जमातें एक दूसरे पर हमला आवर हुईं, इस जंग में मुसलमानों को पहले फतह हुई मगर एक चूक की वजह से जंग का पासा पलट गया।

To Be Continued …

जंगे उहद के बारे में तफ्सीली जानकारी के लिए सीरत उन नबी के इस पार्ट का मुताला करे –

👉 उहद की लड़ाई

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

दरख्त का नबी (ﷺ) की गवाही देना

हजरत इब्ने उमर (र.अ) फर्माते हैं के हम एक मर्तबा रसूलुल्लाह (ﷺ) के साथ सफर में थे के –

एक देहाती आप (ﷺ) की खिदमत में आया, तो आप (ﷺ) ने फ़र्माया : तुम गवाही दो, इस बात की के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और उस का कोई शरीक नही और मुहम्मद उस के बन्दे और रसूल हैं, तो वह कहने लगा, तुम्हारी इस बात पर गवाह कौन है?

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया: यह सलम का दरख्त, वह दरख्त मैदान के किनारे पर था, जब रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उस को बुलाया, तो वह जमीन को चीरता हुआ आप (ﷺ) के सामने खड़ा हो गया, रसूलुल्लाह (ﷺ) ने उस से तीन मर्तबा गवाही चाही, तो उस ने तीन मर्तबा गवाही दी के आप सच्चे रसूल हैं, फिर वह अपनी जगह चला गया।

📕 सुनने दार्मी:१६,अन इब्ने उमर (र.अ)

3. एक फर्ज के बारे में

विरासत में लड़की का हिस्सा

विरासत में लड़की का हिस्सा

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“अल्लाह तआला तुमको तुम्हारी औलाद के हक में हुक्म देता है के 1 लड़के का हिस्सा 2 लड़कियों के हिस्से के बराबर है।”

📕 सूरह निसा: ११

खुलासा: वालिदैन की विरासत में लड़के के 2 हिस्से और लडकी का 1 हिस्सा होता है, जिस का अदा करना फर्ज है।

4. एक सुन्नत के बारे में

5. एक अहेम अमल की फजीलत

आफत व बला दूर होने की दुआ

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:

“जो शख्स (माशाअल्लाह ला हौल वाला क़ूवता इल्लाह बिल्लाह ) पढ़ लिया करे, तो सिवाए मौत के अपने अहल व अयाल और माल में कोई आफत नहीं देखेगा।”

📕 तबरानी औसत: ४४१२

6. एक गुनाह के बारे में

इन्कार करने वालो का अजाब

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“जो लोग हमारी आयतों का इन्कार करते रहे हैं, तो वही बडबख्त हैं, (जिन को बाएँ हाथ में नाम-ए-आमाल दिया जाएगा) उन पर चारों तरफ से बंद की हुई आग को मुसल्लत कर दिया जाएगा।”

📕 सूरह बलद: १९ ता २०

7. दुनिया के बारे में

हलाक करने वाली चीजें

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“हर ऐसे शख्स के लिये बड़ी ख़राबी है, जो ऐब लगाने वाला और ताना देने वाला हो,
जो माल जमा करता हो और उस को गिन गिन कर रखता हो
और ख़याल करता हो के उस का (यह) माल हमेशा उस के पास रहेगा। हरगिज़ ऐसा नहीं है, वह ऐसी आग में डाला। जाएगा जिसमें जो कुछ पड़ेगा वह उस को तोड़फोड़ कर रख देगी।”

📕 सूरह हुमज़ह : १ ता ४

8. आख़िरत के बारे में

कयामत के दिन पूरा पूरा बदला दिया जाएगा

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“जब हम उन लोगों को उस दिन जमा करेंगे, जिस के आने में कोई शक नहीं और हर एक आदमी को उस के आमाल का पूरा पूरा बदला दिया जाएगा और उन पर कोई जुल्म नहीं किया जाएगा।”

📕 सूर:आले इमरान : २५

9. तिब्बे नबवी से इलाज

बीमारी से बचने की तदबीरें

हज़रत जाबिर (र.अ)  बयान करते हैं के मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) को फर्माते हुए सुना के :

“बर्तनों को ढांक दिया करो और मशकीज़े का मुँह बांध दिया करो क्योंकि साल में एक ऐसी रात आती है जिस में वबा उतरती है पस जिस बर्तन या मशकीजे का मुँह खुला रहेता है वह उस में उतर जाती है।”

📕 मुस्लिम ५२५८

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

नजर लगने से हिफाजत

माशा अल्लाह की फ़ज़ीलत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जिस शख्स ने कोई ऐसी चीज़ देखी जो उसे पसंद आ गई, फ़िर उस ने (माशा अल्लाह ! व लाहौल वला क़ूवता इल्लाह बिल्लाही) कह लिया, तो उस की नज़र से कोई नुक्सान नहीं पहुंचेगा।”

📕 कंजुल उम्मुल : १७६६६, अनस (र.अ)

तर्जुमा : जो कुछ अल्लाह चाहता है [होता है] और अल्लाह के अलावा कोई ताकत नहीं है।

और देखे :