20 अप्रैल 2024

आज का सबक

सिर्फ पांच मिनिट का मदरसा क़ुरआन व सुन्नत की रौशनी में
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1. इस्लामी तारीख

मदीना में हुजूर (ﷺ) का इन्तेज़ार

जब मदीना तय्यिबा के लोगों को यह मालूम हुआ के रसूलुल्लाह (ﷺ) मक्का से हिजरत कर के मदीना तशरीफ ला रहे हैं, तो उन की खुशी की इन्तेहा न रही, बच्चे बच्चियाँ अपने छतों पर बैठ कर हुजूर (ﷺ) के आने की खुशी में तराने गाती थीं, रोजाना जवान, बड़े बूढ़े शहर से बाहर निकल कर दोपहर तक आप (ﷺ) की तशरीफ आवरी का इन्तेज़ार करते थे।

एक दिन वह इन्तेज़ार कर के वापस हो ही रहे थे के एक यहूदी की नज़र आप (ﷺ) पर पड़ी तो वह फौरन पुकार उठा “लोगो ! जिन का तुम को शिद्दत से इन्तेज़ार था वह आ गए!” बस फिर क्या था, इस आवाज़ को सुनते ही सारे शहर में खुशी की लहर दौड़ गई और पूरा शहर “अल्लाहु अकबर” के नारों से गूंज उठा और तमाम मुसलमान इस्तिकबाल के लिये निकल आए, अन्सार हर तरफ से जौक़ दर जौक आए और मुहब्बत व अकीदत के साथ सलाम अर्ज करते थे, खुश आमदीद कहते थे। तक़रीबन पांच सौ अन्सारियों ने हुजूर (ﷺ) का इस्तिकबाल किया।

To be Continued …

📕 इस्लामी तारीख

2. अल्लाह की कुदरत/मोजज़ा

रेडियम में अल्लाह की कुदरत

अल्लाह तआला ने इस कारखान-ए-आलम में मुख्तलिफ किस्म की कीमती चीजें पैदा फ़रमाई हैं, इन चीजों में एक कीमती चीज़ रेडियम भी है, यह एक चमकती हुइ चीज़ है, जो सोने से कई गुना ज़ियादा कीमती होता है। इसका वजूद पूरी दुनिया में चन्द सेर से ज्यादा नहीं।

इस कीमती जौहर के अन्दर बगैर बिजलीया तेल के इस कद्र चमक किस हस्तीने पैदा फ़रमाई ? बेशक यह अल्लाह तआला ही की कुदरत का करिश्मा है।

📕 अल्लाह की कुदरत

3. एक फर्ज के बारे में

नमाज़ी पर जहन्नम की आग हराम है

रसूलुल्लाह (ﷺ)  ने फ़रमाया :

“जो शख्स पाँचों नमाजों की इस तरह पाबंदी करे के वजू और औक़ात का एहतेमाम कर, और सज्दा अच्छी तरह करे और इस तरह नमाज पढने को अपने जिम्मे अल्लाह तआला का समझे, तो उस आदमी को जहन्नम की आग पर हराम कर दिया जाएगा।”

📕 मुस्नदे अहमद : १८८२

4. एक सुन्नत के बारे में

5. एक अहेम अमल की फजीलत

खाना खिलाया करो और सलाम को आम करो

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“रहमान (अल्लाह) की इबादत करो और खाना खिलाया करो और सलाम को आम करो (चाहे उस से जान पहचान हो या न हो) तुम जन्नत में सलामती के साथ दाखिल हो जाओगे।”

📕 तिर्मिज़ी : १८५५

6. एक गुनाह के बारे में

किसी के वालिदैन को बुरा भला कहने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) फरमाते है :

“(शिर्क के बाद) कबीरा गुनाहों में सबसे बड़ा गुनाह यह है के आदमी अपने वालिदैन पर लानत करें”

पूछा गया : ऐ अल्लाह के रसूल! आदमी अपने वालिदैन पर कैसे लानत करेगा?

इर्शाद फ़रमाया :
“वह दूसरे के वालिदैन को बुरा भला कहे फिर वह आदमी उस के वालिदैन को बुरा भला कहे।”

📕 बुखारी : ५९७३

7. दुनिया के बारे में

8. आख़िरत के बारे में

रोज़े आख़िरत (क़यामत के दिन) हर अमल का बदला मिल जायेगा

क़ुरआन में अल्लाह तआला फ़रमाता है :

“जो शख्स क़यामत के दिन नेकी लेकर हाज़िर होगा, तो उस को उस नेकी से बेहतर बदला मिलेगा और जो शख़्स बदी ले कर हाज़िर होगा, तो ऐसे बुरे आमाल वालों को सिर्फ उनके कामों की सज़ा दी जाएगी।” 

📕 सूरह क़सस: 84

9. तिब्बे नबवी से इलाज

सना के फायदे

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“मौत से अगर किसी चीज में शिफा होती तो सना में होती।”

📕 तिर्मिज़ी : २०८१

फायदा: सना एक दरख्त का नाम है, जिस की पत्ती तक़रीबन दो इंच लम्बी और एक इंच चौड़ी होती है, उस में छोटे छोटे पीले रंग के फूल होते हैं, उसकी पत्ती क़ब्ज़ के मरीज़ के लिये मुफीद है।

10. क़ुरआन व सुन्नत की नसीहत

कलौंजी में मौत के सिवा हर बीमारी का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“तुम इस कलौंजी (मंगरैला) को इस्तेमाल करो, क्योंकि इस में मौत के अलावा हर बीमारी से शिफ़ा मौजूद है।”

📕 बुखारी: 5687, अन आयशा (र.अ)

एक और रिवायत में आप (ﷺ) ने फ़रमाया :

“बीमारियों में मौत के सिवा ऐसी कोई बीमारी नहीं, जिस के लिये कलौंजी में शिफा नहो।”

📕 मुस्लिम ५७६८

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