खुश्बू को रद्द नहीं करना चाहिये

रसूलल्लाह (ﷺ) को जब खुशबु का हदिया दिया जाता,
तो आप (ﷺ) उस को रद्द नहीं फ़रमाते थे।

📕 तिर्मिजी : २७८९