5 रजब | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

5 Rajab | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1 . अल्लाह की कुदरत

मोर की खूबसूरती

अल्लाह तआला ने इन्सान को दुनिया में जन्नत का हल्का फुल्का मजा चखाने के लिए ऐसा खूबसूरत परिंदा पैदा किया के इन्सान इस की खूबसूरती को देख कर हैरान रह जाता है।

चुनांचे मोर एक ऐसा ही परिंदा है, जिस की दुम के परों को अल्लाह तआला ने बहुत ही खूबसूरत बनाया, अल्लाह तआला ने मोर को अपनी दुम फैलाने की सलाहियत दी है, जब वह उसे फैलाता है और धूप की वजह से वह चमकती है, तो ऐसा महसूस होता है के उस की दुम पर सैंकड़ों नीलम के फूल लगें हों। यह अल्लाह तआला की कुदरत का एक नमूना है।


2. एक फ़र्ज़ के बारे में

सुबह की नमाज़ अदा करने पर हिफ़ाज़त का जिम्मा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“जिस ने सुबह (यानी फ़ज़) की नमाज़ अदा की, वह अल्लाह की हिफाजत में है।”

[मुस्लिम : १४९३, अन जूंदूब बिन अब्दुल्लाह (र.अ) ]


3. एक सुन्नत के बारे में

हाथ पाँव की उंगलियों का खिलाल करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) वुजू फ़र्माते तो उंगलियों का खिलाल फ़र्माते, एडियों को रगड़ते और फरमाते के उंगलियों का खिलाल करो, अल्लाह तआला इनके दर्मियान जहन्नम की आग दाखिल न करेगा।

[ दारे कुतनी : ३२६, अन आयशा (र.अ) ]


4. एक अहेम अमल की फजीलत

अल्लाह के वास्ते मुहब्बत करना

रसूलल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“क़यामत के दिन अर्श इलाही के साये में सात किस्म के लोग होंगे, उन में वह लोग भी होंगे जिन का मिलना जुलना भी अल्लाह ही की मुहब्बत की वजह से होता था।”

[ बुखारी : ६६०, अन अबी हुरैरह (र.अ) ]


5. एक गुनाह के बारे में

कर्ज अदा न करने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

कबीरा गुनाह के बाद सबसे बड़ा गुनाह जिस को बंदा ले कर अल्लाह के यहाँ हाज़िर हो, वह यह है के मौत के वक्त आदमी पर कर्ज हो और उस को पूरा करने के लिए माल छोड़ कर न जाए।”

[ अबू दाऊद:३३४२, अन अबी मूसाक (र.अ) ]

वजाहत : मालदार अगर अपनी ज़िंदगी में कर्ज अदा न कर सका, तो मरते वक्त अपने वरसा को क़र्ज अदा करने की वसिय्यत कर दे, और जो मालदार न हो तो ज़िंदगी ही में माफ़ी तलाफ़ी कर ले, वरना कयामत के दिन नेकियों में से उस का क़र्जा अदा करना होगा।


6. दुनिया के बारे में

माल की हालत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

उस वक्त तक कयामत नहीं आएगी जब तक तुम्हारे अंदर माल की इतनी कसरत न हो जाए के वह बहने लगे, यहां तक के माल वाले आदमी को इस बात पर रंज व ग़म होगा के उससे कौन सदका कबूल करेगा? वह एक आदमी को सदका देने के लिए बुलाएगा तो वह कह देगा के मुझे इस की कोई जरुरत नहीं है।”

[ मुस्लिम : २३४०, अन अबी हुरैरह (र.अ) ]


7. आखिरत के बारे में

जन्नत में मेहमान नवाजी

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“बेशक जो लोग ईमान लाए और नेक काम किए उनकी मेहमानी के लिए फ़िरदौस के बाग होंगे, वह उन में हमेशा रहेंगे और वह वहां से कहीं जाना नहीं चाहेंगे।”

[ सूरह कहफ : १०७ ता १०८ ]


9. तिब्बे नब्बीसे इलाज

बीमारी से बचने की तदबीर

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“जब तुम्हारे बरतन में मक्खी गिर पड़े तो उस को पहले पूरी तरह डुबा दो, फिर निकाल कर फेंको, क्योंकि उसके एक पर में शिफ़ा है, तो दूसरे में बीमारी है।”

[ बुखारी:५७८२, अन अबी हुररह (र.अ) ]

• देखे: Makkhi ke Parr Me Bimaari Aur Shifa: Islam aur Science


9 . कुरआन की नसीहत

नेकी की नसीहत करो और खुद भी अमल करो

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“क्या तुम दूसरों को नेकी की नसीहत करते हो और अपने आप को भूल जाते हो, हालांके तुम किताब की तिलावत भी करते रहते हो (पस ऐसा क्यों करते हो).क्या तुम इतना भी नहीं समझते।”

[ सूरह बकराह :४ ]


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