5 जमादी-उल-आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

5 Jamadi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

रूम के बादशाह हिरकल (Hercules) के नाम दावती खत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने हजरत दिह्या कलबी (र.अ) के हाथ रूम के बादशाह हिरकल (Hercules) के नाम दावती खत भेजा, जिस का मजमून यह था –

“यह खत अल्लाह के रसूल मुहम्मद (ﷺ) की तरफ से रूम के बड़े बादशाह हिरक्ल के नाम है, जो हिदायत की इत्तेबा करे, उस पर सलामती हो, मैं तुम्हें दीने इस्लाम की तरफ बुलाता हूँ, इस्लाम कबूल कर लो, सलामत रहोगे, अल्लाह तआला तुम को दुगना अज्र अता फ़र्माएगा और अगर तुम ने नहीं माना तो तमाम रिआया के इस्लाम न लाने का गुनाह भी तुम पर होगा। 

ऐ अहले किताब ! ऐक ऐसी बात की तरफ आओ, जो हमारे और तुम्हारे दर्मियान बराबर है, वह यह के हम अल्लाह के अलावा किसी की इबादत न करें और हम में से कोई अल्लाह के अलावा किसी को रब और माबूद न बनाए और अगर तुम नहीं मानते तो गवाह रहो के हम अल्लाह की ताबेदारी करते हैं।” 

शाहे हिरक्ल ने आप (ﷺ) के मुबारक खत को अदब व एहतेराम के साथ सोने के कलमदान में रखा और अबू सुफियान की जबानी हालात सुन कर कहा मैं खूब जानता हूँ के आप सच्चे नबी हैं, लेकिन अगर मैंने ईमान क़बूल कर लिया तो मेरी हुकूमत जाती रहेगी और रूम के लोग मुझे कत्ल कर डालेंगे।

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

पहाड़ों में पानी का जखीरा

पहाड़ों में भी अल्लाह तआला की अजीब व गरीब कुदरत कारफ़र्मा है,

जब बारिश होती है तो पहाड़ों में पानी के जखीरे जमा हो जाते हैं, फिर थोड़ा थोड़ा कर के चश्मों, नहरों की शक्ल में पानी बहता है, इस तरह जमीन के दूर दराज के मक़ामात तक को सैराब करता है, बाज़ पहाड़ों पर बर्फ की शक्ल में पानी महफूज हो जाता है, जो सूरज की गरमी से बकद्रे जरूरत थोड़ा थोड़ा पिघल कर नदियों, नालों और नहरों में जाकर जमीन वगैरा को सैराब करता है और कहीं कहीं पहाड़ों पर बड़े बड़े हौज़ भी होते हैं, जिस में पानी स्टाक रहता है। यह अल्लाह का कितना बड़ा निज़ाम है। 

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:
“जमीन में मानने वालों और यकीन करने वालों के लिये बहुत सी निशानियाँ हैं।”
[सूरह जारियात २०]

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

सिला रहमी करना

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है: 

“जो लोग अल्लाह के अहद को तोड़ते हैं, उस को मजबूत कर लेने के बाद और उन तअल्लुक़ात को तोड़ते हैं, जिन के जोड़ने का अल्लाह तआला ने हुक्म दिया है और जमीन में फसाद मचाते हैं, यही लोग नुकसान उठाने वाले हैं।”

📕 सूरह बकरा : २७

फायदा: रिश्ते, नाते और तअल्लुक़ात को बरकरार (सिला रहमी करना) रखना और उस को खत्म न करना बहुत जरूरी है।


4. एक सुन्नत के बारे में

जुमा के लिये खास लिबास पहनना

“रसूलुल्लाह (ﷺ) के पास दो कपड़े थे, जिसे आप जुमा के दिन पहनते थे फिर जब वापस तशरीफ लाते तो उसे लपेट कर रख देते।”

📕 अल मतालिबुल आलिया : ७४५


5. एक अहेम अमल की फजीलत

शहीद कौन कौन लोग हैं

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“पाँच लोग शहीद हैं। ताऊन में मरने वाला, पेट की बीमारी में मरने वाला, डूब कर मरने वाला, दीवार वग़ैरा के गिरने से मरने वाला और राहे ख़ुदा में कत्ल होने वाला।”

📕 बुखारी: ६५३ अन अबी हुरैरा (र.अ)


6. एक गुनाह के बारे में

शराबी की सज़ा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया : 

“जिस ने शराबनोशी की, अल्लाह तआला चालीस रात तक उस से खुश नहीं होगा। अगर वह (उसी हाल में) मर गया तो कुफ्र की हालत में मरेगा और अगर तौबा कर ली तो अल्लाह तआला उस की तौबा क़बूल फ़र्माएगा और अगर फिर शराब पी तो अल्लाह तआला उस को दोज़खियों का पीप पिलाएगा।”

📕 मुस्नदे अहमद : २७०५६


7. दुनिया के बारे में

दुनिया से बे रग़बती का इनाम

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

“जो शख्स जन्नत का ख्वाहिश मन्द होगा वह भलाई में जल्दी करेगा।
और जो शख्स जहन्नम से खौफ करेगा, वह ख्वाहिशात से गाफिल (बेपरवाह) हो जाएगा
और जो मौत का इंतज़ार करेगा उसपर लज्जतें बेकार हो जाएगी
और जो शख्स दुनिया में जुद (दुनिया से बेरगबती) इख्तियार करेगा,
उस पर मुसीबतें आसान हो जाएँगी।”

📕 शोअबुल ईमान: १०२१९


8. आख़िरत के बारे में

ईमान वालों का ठिकाना

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है :

“इन (ईमान वालों) के लिए हमेशा रहने वाले बाग़ हैं, जिन में वह दाखिल होंगे और उन के माँ बाप, उन की बीबियों और उन की औलाद में जो (जन्नत) के लायक होंगे, वह भी जन्नत में दाखिल होंगे और हर दरवाजे से फरिश्ते उन के पास यह कहते हए दाखिल होंगे ‘तुम्हारे दीन पर मज़बूत जमे रहने की बदौलत तुम पर सलामती हो, तुम्हारे लिए आखिरत का घर कितना उम्दा है!’

📕 सूरह रआद:२३ ता २४


9. तिब्बे नबवी से इलाज

फासिद खून का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“बेहतरीन दवा हिजामा (पछना लगाना, cupping) है, क्यों कि वह फ़ासिद खून को निकाल देती है, निगाह को रौशन और कमर को हल्का करती है।”

📕 मुस्तदरक : ८२५८, अन इन्ने अब्बास (र.अ)


10. क़ुरान की नसीहत

माँगने वाले को नरमी से जवाब देना

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है : 

“माँगने वाले को नरमी से जवाब देना और उस को माफ कर देना उस सदके और ख़ैरात से बेहतर है, जिस के बाद तकलीफ पहुँचाई जाए, (याद रहे) अल्लाह तआला बड़ा बे नियाज और ग़ैरतमन्द है।”

📕 सूरह बकरा : २६३

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