11. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 

11. मुहर्रम | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा 
11 Muharram | Sirf Paanch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हज़रत नूह (अ.स)

हज़रत आदम (अ.स) की वफात के हजारो बरस तक लोग अल्लाह तआला की तौहीद पर काएम थे, फिर बाज़ नेक बन्दों के इन्तेकाल के बाद लोगों ने उनके मुजस्समे बना लिये और धीरे धीरे उनकी पूजा शुरू हो गई। इस तरह पूरे अरब व अजम में शिर्क व बुतपरस्ती की बुनियाद पड़ गई। जब लोग अल्लाह तआला की इबादत छोड़ कर शिर्क व बुत परस्ती में मुब्तेला हो गए, तो उन की हिदायत के लिये अल्लाह तआला ने हज़रत नूह (अ.स) को नबी व रसूल बना कर भेजा। 

हज़रत नूह (अ.स) का शुमार दुनिया के अजीमतरीन अम्बिया में होता है। वह सबसे पहले नबी और रसूल हैं। हजरत इदरीस (अ.स) की तीसरी पुश्त में हज़रत आदम (अ.स) की वफात के करीब एक हजार पच्चीस साल बाद दजला व फुरात की वादी के दर्मियान मुल्के इराक में पैदा हुए। 

अल्लाह तआला ने कुरआन पाक में ४३ मक़ाम पर उन का तजकेरा फर्माया है। 

और भी पढ़े :
हज़रत नूह अलैहि सलाम | क़सस उल अम्बिया

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

बादल

अल्लाह तआला तेज हवाओं के जरिये बिखरे हुए बादलों को फिज़ा में जमा कर के एक दूसरे से मिला देता है, फिर उन बादलों को बर्फ के पहाड़ों की शक्ल दे देता है, जिन की मोटाई सैकड़ों फिट हो जाती है। 

इन बिखरे हुए बादलों को बर्फ के पहाड़ों की शक्ल में जमा करना और भारी बादलों को फिज़ा में रोके रखना, फिर कभी उनको ओलों की शक्ल में गिरा कर जमीन पर तबाही मचा देना और कभी पानी की शक्ल में बरसाकर पेड़ पौदों का उगाना अल्लाह तआला की कुदरत की कितनी बड़ी निशानी है।

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

बीवी की विरासत में शौहर का हिस्सा

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है:

“तुम्हारे लिए तुम्हारी बीवियों के छोड़े हुए माल में से आधा हिस्सा है, जब के उन की कोई औलाद न हो और अगर उन की औलाद हो, तो तुम्हारी बीवियों के छोड़े हुए माल में चौथाई हिस्सा है (तुम्हें यह हिस्सा) उन की वसिय्यत और कर्ज अदा करने के बाद मिलेगा।”

📕 सूरह निसा : १२


4. एक सुन्नत के बारे में

वुजू का पानी खड़े हो कर पीना

हज़रत हुसैन (र.अ) बयान करते हैं के उनके वालिद हज़रत अली (र.अ) ने वुजू किया और वुजू का बचा हुआ पानी खड़े होकर पिया। मैंने तअज्जुब किया! मुझे देखा और कहा के तअज्जुब की क्या बात है? ! मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) को इसी तरह करते हुए देखा है।

📕 नसई: ९५


5. एक अहेम अमल की फजीलत

शुक्रिया अदा करने की दुआ

रसूलल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जिस शख्स के साथ भलाई का मामला किया गया और फिर उसने भलाई करने वाले को जजाकल्लाह कह दिया, तो गोया उसने शुक्रिया का हक अदा कर दिया।”

और भी देखे : जज़कल्लाह का मतलब

📕 तिर्मिज़ी: २०३५, अन उसामा बिन जैद (र.अ)


6. एक गुनाह के बारे में

झूटी गवाही शिर्क के बराबर

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“झूटी गवाही अल्लाह के साथ शिर्क करने के बराबर है।”

यह बात रसूलुल्लाह (ﷺ) ने तीन दफा इर्शाद फर्माई।

📕 अबू दाऊद: ३५९९, अन खुरैम बिन फातिक (र.अ)


7. दुनिया के बारे में

दुनिया को मकसद न बनाना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जिस शख्स का मकसद दुनिया कमाना हो और वह उसी के लिये सफर करता हो,
उसी का खयाल दिल में रहता हो, तो अल्लाह तआला गरीबी और भूक का डर उस की आँखों के सामने कर देता हैं (हर वक़्त इस से डरता है के आमदनी तो बहुत कम है! क्या होगा? कैसे गुजारा होगा?)

और उस के औक़ात को इसी फिक्र में परेशान कर देता हैं और मिलता उतना ही है जितना मुकद्दर में होता है।”

📕 तिर्मिज़ी : १७८०, अन आयशा (र.अ)


8. आख़िरत के बारे में

कयामत का जलजला

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“ऐ लोगो! अपने रब से डरो बेशक कयामत का जलजला बड़ी ही होलनाक चीज़ है।
जिस रोज तम उस जलजले को देखोगे, तो यह हाल होगा के
हर दूध पिलाने वाली औरत अपने दूध पीते (बच्चे को) भूल जाएगी
और तमाम हमल वाली औरतें अपना हमल गिरा देंगी
और तुम लोगों को नशे की सी हालत में देखोगे;
हालांके वह नशे की हालत में न होंगे,
लेकिन अल्लाह तआला का अज़ाब बड़ा ही सख्त है।”

📕 सूरह हज : १ ता २


9. तिब्बे नबवी से इलाज

बीमारी से बचने की तदबीर

हज़रत जाबिर (र.अ) बयान करते हैं के मैंने रसूलुल्लाह (ﷺ) को फर्माते हुए सुना के
बर्तनों को ढांक दिया करो और मशकीजे (यानी बर्तन वगैरह) का मुँह बन्द कर दिया करो, क्योंकि साल में एक ऐसी रात आती है, जिस में वबा उतरती है पस जिस बर्तन या मशकीजे का मुँह खुला रहता है तो उस में दाखिल हो जाती है।”

📕 मुस्लिम: ५२५५


10. कुरआन की नसीहत

सूद मत खाया करो

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“ऐ ईमान वालो ! तुम कई गुना बढ़ा कर सूद मत खाया करो और अल्लाह से डरते रहो ताके तुम कामयाब हो जाओ।”

📕 सूरह आले इमरान: १30

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