1. रबी उल आखिर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

1 Rabi-ul-Akhir | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हिलफुल फुजूल

अरब में जुल्म व सितम और चोरी व डाका जनी आम थी, लोगों के हुक़ूक़ पामाल किये जाते कमजोरों का हक़ दबाया जाता था। इस जुर्म में अवाम व खवास सभी मुब्तला थे। इसी तरह का एक मामला मक्का मुकर्रमा में भी पेश आया के एक सरदार ने बाहर के एक ताजिर से सामान खरीदा और पूरी कीमत नहीं दी। इसके बाद मक्का के चंद नेक लोगों ने अब्दुल्लाह बिन जुदआन के मकान पर जमा हो कर जुल्म का मुकाबला करने और मजलूम की मदद करने का मुआहदा किया। इस में रसूलल्लाह (ﷺ) भी शरीक थे और उस वक्त कम उम्र थे। उन लोगों ने इस मुआहिदे का नाम “हिलफुल फुजूल” रखा था।

आप (ﷺ) जब जवान हए, तो आपने दोबारा कबीले के बा हैसियत लोगों के सामने मुल्क की बद अमनी, मुसाफिरों और कमजोरों पर होने वाले जुल्म व सितम का हाल बयान कर के उन को इस्लाह पर आमादा किया, बिलआखिर एक अंजुमन कायम हो गई और बनू हाशिम, बनू अब्दिल मुत्तलिब, बनू सअद, बनू ज़ोहरा और बनू तमीम के लोग इसमें शामिल हुए और हर मिम्बर ने मुल्क की बद अमनी दूर करने, मुसाफिरों की हिफाज़त और ग़रीबों की मदद करने और ज़ालिमों को जुल्म से रोकने का अहद किया। इस मुआहदे से अल्लाह तआला की मख्लूक को बहुत फायदा हुआ।

हुजूर (ﷺ) नुबुव्वत के जमाने में भी फ़रमाया करते थे के अगर आज भी कोई इस मुआहदे के नाम से मुझे बुलाए और मदद तलब करे तो जरूर उस की मदद करूँगा।

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

बिजली की कड़क में अल्लाह की कुदरत

अल्लाह तआला बादलों के जरिये बारिश नाज़िल करता है और कभी उससे बिजली पैदा करता है, जिसकी आवाज़ में बड़ी गरज और सख्त कड़क होती है।

अल्लाह तआला ने इस बिजली में रौशनी और आवाज़ पैदा कर के अपनी कुदरत से रोशनी में इतनी तेज रफ्तारी पैदा कर दी के वह जमीन पर बिजली की आवाज़ से पहले पहुंच जाती है, फिर कभी इस बिजली को गिरा कर तबाही मचा देता है, गर्ज़ इन बादलों से बारिश और बिजली की गर्ज पैदा करना कुदरते खुदावन्दी का जबरदस्त नमूना है।

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

जमात से नमाज़ अदा करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया:

“जिस ने तक्बीरे ऊला के साथ चालीस दिन तक अल्लाह की रज़ा के लिए जमात के साथ नमाज़ पढी उस के लिये दोजख से नजात और निफाक से बरात के दो परवाने लिख दिये जाते हैं।”

📕 तिर्मिज़ी: २४१


4. एक सुन्नत के बारे में

तीन साँस में पानी पीना

हजरत अनस (ﷺ(र.अ) (पीने के वक्त) दो या तीन साँस लेते और
फ़रमाते के रसूलुल्लाह (ﷺ) भी तीन मर्तबा साँस लेते थे।

📕 बुखारी: ५६३१


5. एक अहेम अमल की फजीलत

बीवियों के साथ अच्छा सुलूक करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“ईमान वालों में ज़ियादा मुकम्मल ईमान वाले वह लोग हैं, जो अखलाक में ज्यादा अच्छे हैं और तुम में सबसे अच्छे वह लोग हैं जो अपनी बीवियों के साथ अच्छा बरताव करते हैं।”

📕 तिर्मिज़ी: ११६२


6. एक गुनाह के बारे में

अजनबी औरत से मिलने का गुनाह

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया :

“तुम में से किसी के सर में लोहे की कील ठोंक दिया जाना इस से बेहतर है के वह किसी ऐसी (अजनबी) औरत को छुए जो उसके लिये हलाल नहीं है।”

📕 तबरानी कबीर : १६८८०


7. दुनिया के बारे में

मौत और माल की कमी से घबराना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“आदमी दो चीज़ों को नापसंद करता है, (हालांकि दोनों उस के लिए खैर है) एक मौत को, हालांकि मौत फ़ितनों से बचाव है, दूसरे माल की कमी को, हालांकि जितना माल कम होगा उतना ही हिसाब कम होगा।”

📕 मुस्नदे अहमदः २३११३


8. आख़िरत के बारे में

नामा-ए-आमाल के साथ बुलाया जाएगा

कुरआन में अल्लाह तआला फ़र्माता है:

“वह दिन याद करने के काबिल है, जिस दिन तमाम आदमियों को उनके नाम-ए-आमाल के साथ मैदाने हश्र में बुलाएंगे, फिर जिनका नाम-ए-आमाल उन के दाहिने हाथ में दिया जाएगा, तो वह (खुश हो कर) अपने नाम-ए-आमाल को पढ़ने लगेंगे उन पर एक धागे के बराबर भी जुल्म नहीं किया जाएगा।”

📕 सूर: बनी इसराईल: ७१


9. तिब्बे नबवी से इलाज

हर बीमारी का इलाज तिब्बे नबवी से

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़र्माया :

“अल्लाह तआला ने हर बीमारी के लिए दवा उतारी है, जब बीमारी को सही दवा पहुँच जाती है, तो अल्लाह तआला के हुक्म से बीमारी ठीक हो जाती है।”

📕 मुस्लिम : ५७४१


10. क़ुरान की नसीहत

फिजूलखर्ची मत किया करो

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है:

“ऐ आदम की औलाद! तुम हर मस्जिद की हाज़री के वक्त अच्छा लिबास पहन लिया करो और खाओ पियो और फिजूलखर्ची मत किया करो, बेशक अल्लाह तआला फुजूल खर्ची करने वालों को पसन्द नहीं करता।”

📕 सूरह आराफ़: ३१

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