28. सफर | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा

28. Safar | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

हजरत यूनुस (अ.स)

हज़रत यूनुस अलैहि सलाम अल्लाह के बर्गुजीदा नबी और अम्बियाए बनी इस्राईल में से हैं। आप की पैदाइश इराक के मशहूर शहर “नैनवा” में हुई। अल्लाह तआला ने आप को इसी शहर की हिदायत के लिये नबी बनाया था, यह कौम कुफ्र व शिर्क में मुब्तला हो गई थी।

आप उन्हें एक अर्से तक एक अल्लाह की इबादत की दावत देते रहे, मगर उन्होंने आप की दावत को कबूल न किया और कुफ्र व शिर्क पर जमे रहे और आपका मजाक उड़ाया। जब आमतौर पर ऐसा होने लगा, तो हज़रत यूनुस उनके लिये अज़ाबे इलाही की बददुआ कर के वहाँ से रवाना हो गए। आप के बस्ती से रवाना हो जाने के बाद कौम पर अज़ाबे इलाही के आसार दिखाई देने लगे।

कौम को यकीन हो गया के हजरत यूनुस (र.अ) अल्लाह के सच्चे नबी थे। लिहाजा कौम के तमाम लोग और उनके सरदार बस्ती से बाहर एक मैदान में जमा हो कर खूब रोए और अपने गुनाहों की माफी माँगी और शिकं से तौबा की, अल्लाह तआला ने उन की तौबा कबूल फ़रमाई और उन्हें अजाब से बचा लिया।

📕 इस्लामी तारीख


2. हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा

थोड़े से पानी में बरकत

हज़रत जियाद बिन हारिस फरमाते हैं मैं एक सफर में आप (ﷺ) के साथ था।

दौराने सफर आप (ﷺ) ने मुझसे पूछा: ऐ मेरे भाई! तुम्हारे पास कुछ पानी है?
मैंने अर्ज किया : हाँ! मश्कीजे में है, मगर थोड़ासा है, वह आपको काफी न होगा,
तो आप (ﷺ) ने फर्माया: उसको किसी बर्तन में निकाल कर मेरे पास ले आओ!

चुनान्चे में गया और एक बर्तन में निकाल कर ले आया। आप (ﷺ) ने अपना दस्ते मुबारक उस में रखा, मैं देख रहा था के आप (ﷺ) की उंगलियों के दर्मियान से पानी का चश्मा फव्वारे की तरह फूटने लगा और फिर सब ने उस से वुजू किया।

📕 तबरानी कबीर: ५१४७, अन जियाद बिन हारिस (र.अ)
📕 हुजूर (ﷺ) का मुअजिज़ा


3. एक फर्ज के बारे में

सब से पहले नमाज़ का हिसाब होगा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“सब से अव्वल जिस चीज़ का बन्दे से कयामत में हिसाब होगा, वह नमाज़ है, अगर वह ठीक उतरी तो उस के सारे आमाल ठीक उतरेंगे और अगर वह खराब निकली तो उसके सारे आमाल खराब निकलेंगे।”

📕 तबरानी फ़िल औसत: १९२९.अन अनस (र.अ)


4. एक सुन्नत के बारे में

गुनाहों से तौबा करने की दुआ

हजरत अबू मूसा अशअरी (र.अ) फर्माते हैं के,
रसूलुल्लाह (ﷺ) यह दुआ माँगते थे:

“ऐ अल्लाह! मेरे जाने, अन्जाने में हुए गुनाहों को माफ फ़र्मा।”

📕 मुस्लिम: ६९०१


5. एक अहेम अमल की फजीलत

मस्जिद से कूड़ा करकट दूर करना

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया:

“मस्जिद से कूड़ा करकट साफ करना बड़ी आँखों वाली हूरों का महर है।”

📕 तबरानी कबीर : २४५८


6. एक गुनाह के बारे में

कुरआन को झुटलाने का गुनाह

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“उस शख्स से बड़ा जालिम कौन हो सकता है, जो अल्लाह पर झूट बोले और जब उस के पास सच्ची बात (कुरआन) आए, तो उस को झुटलाए, क्या ऐसे काफिरों का ठिकाना जहन्नम में नहीं होगा।”

📕 सूरह जुमुर ३२


7. दुनिया के बारे में

रिज्क हिकमते खुदावंदी से मिलता है

कुरआन में अल्लाह तआला फर्माता है :

“अगर अल्लाह तआला अपने (सब) बन्दों के लिये रिज्क में ज़ियादती कर देता, तो ज़रूर जमीन में फसाद करने लगते, लेकिन वह जिस कदर चाहता है, अन्दाजे के मुताबिक़ रोज़ी उतारता है और वह अपने बन्दों से बाखबर और (उन को) देखने वाला है।”

📕 सूरह शूरा २७


8. आख़िरत के बारे में

चालीस साल तक अजाब

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“जहन्नम में बुख्ती ऊँटों की गर्दनों के बराबर (मोटे) साँप है, उनमें से एक ने भी एक दफा डस लिया, तो उस का जहर चालीस साल तक बाकी रहेगा। इसी तरह जहन्नम में हामिला खच्चरों की मानिंद (मोटे) बिच्छू हैं, उन में जो कोई एक दफा डसेगा, तो उस की तकलीफ चालीस साल तक महसूस होगी।”

📕 मुस्नदे अहमद १७२६७


9. तिब्बे नबवी से इलाज

सेहत के लिये एहतियाती तदबीर

हज़रत इब्ने अब्बास (र.अ) फर्माते हैं के,

रसूलुल्लाह (ﷺ) खाने पीने की चीजों में फूंक नहीं मारते थे और न बर्तन में साँस लेते थे।

📕 इब्ने माजा ३२८८ : ३९७३

फायदा: अतिब्बा कहते हैं के जो हवा सॉस के जरिये बाहर निकलती है, उसमें मर्ज के एतबार से लाखों जरासीम होते हैं, जब इन्सान बर्तन में तीन फूंक मारेगा या सॉस लेगा, तो वह जरासीम उस में फैल कर सेहत के लिये नुकसान देह साबित हो सकते है।


10. नबी (ﷺ) की नसीहत

छींक की दुआ और जवाब

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

तुम में से किसी को छींक आए तो अलहम्दुलिल्लाह (तमाम तारीफें अल्लाह के लिए है) कहे और उसका भाई या उसका साथी यरहामुकल्लाह (अल्लाह तुम पर रहम करे) कहे, जब साथी यरहामुकल्लाह कहे तो उसके जवाब में छींकने वाला फिर से ये कहे यहदिकुमुल्लाह वा यूस्लिहु बालकूम (यानी अल्लाह तुम्हे सीधे रास्ते पर रखे और तुम्हारे हालत दुरस्त करे)।

📕 सही बुखारी, जिल्द 7, 6224

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