Dard – Ummate Nabi ﷺ https://ummat-e-nabi.com Quran Hadees Quotes Sat, 25 Nov 2023 18:59:07 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.3 https://ummat-e-nabi.com/wp-content/uploads/2023/09/favicon-96x96.png Dard – Ummate Nabi ﷺ https://ummat-e-nabi.com 32 32 179279570 23 जमादी-उल-अव्वल | सिर्फ़ 5 मिनट का मदरसा https://ummat-e-nabi.com/23-jamadi-ul-awwal/ https://ummat-e-nabi.com/23-jamadi-ul-awwal/#respond Sun, 18 Dec 2022 08:03:22 +0000 https://ummat-e-nabi.com/?p=36322 23 Jumad ul Awwalइस्लामी तारीख: ग़ज़व-ए-दौमतुल जन्दल, च्यूंटी की दूर अन्देशी में अल्लाह की कुदरत, एक फर्ज: बीमार की नमाज़, गुनाहों की मगफिरत का वजीफा, क़यामत के दिन लोगों की हालत, जोड़ों के दर्द का इलाज ...

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23 Jamadi-ul-Awwal | Sirf Panch Minute ka Madarsa

1. इस्लामी तारीख

ग़ज़व-ए-दौमतुल जन्दल

२५. रबीउल अव्वल सन ५ हिजरी में रसूलुल्लाह (ﷺ) को इत्तेला मिली के शाम की सरहद से करीब दौमतुल जन्दल के मुरिक क़बाइल ने काफलों पर डाके डाल रखे हैं और गुजरने वालों से सामान लूट लेते हैं, नीज़ यह भी मालूम हुआ के उन्होंने मदीना पर हमला करने के लिये एक बड़ी फौज जमा कर ली है।

इन खबरों के पेशे नज़र रसूलुल्लाह (ﷺ) ने सिबाअ बिन उरफुता गिफारी (र.अ) को मदीने का अमीर बनाया और सख्त गरमी, रेगिस्तानी सफर और नासाज़गार हालात के बावजूद एक हजार सहाबा का लश्कर ले कर उन के मुकाबले के लिये रवाना हो गए, मुसलमान शदीद गरमी की वजह से रात में सफर और दिन में आराम करते थे।

दस मंजिल तै करने के बाद सहाबा ने दौमतुल जन्दल पहुँच कर कयाम फ़रमाया, तो कुफफार पर आप (ﷺ) का सेब तारी हो गया और घबराहट के आलम में दौमतुल जन्दल के गवरनर के साथ भाग खड़े हुए, आप (ﷺ) सहाब-ए-किराम के हमराह जंग किये बगैर मदीना मुनव्वरा है वापस तशरीफ ले आए।

📕 इस्लामी तारीख


2. अल्लाह की कुदरत

च्यूंटी की दूर अन्देशी

अल्लाह तआला की छोटी सी मख्लूक च्यूटी को देखो, कुदरत ने उस को अपनी गिजा जमा करने  की कैसी हिक्मत सिखाई है, अपनी गिजा जमा करने में च्यूंटियों आपस में एक दूसरे का किस तरह तआवून करती हैं, और सब आपस में मिलकर सख्त गरमी और सख्त सरदी का स्टाक जमाकर लेती

है ताके इत्मेनान व सुकून से अपने सूराखों में बैठ कर खाया करें और बाहर न निकलना पड़े यह कैसी में दूर अन्देशी है, यह समझ च्यूटी को किस ने दी ?

📕 अल्लाह की कुदरत


3. एक फर्ज के बारे में

बीमार की नमाज़

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“नमाज़ खड़े होकर अदा करो: अगर ताक़त न हो तो बैठ कर अदा करो, और अगर उस पर भी कदरत नहो तो पहलू के बल लेट कर अदा करो।”

📕 बुखारी : १९१७

फायदा : अगर कोई बीमार हो और खड़े होकर नमाज़ पढ़ने पर क़ादिर न हो तो रुकू व सज्दा के साथ बैठ कर पढ़े, अगर रुकू व सज्दे पर भी कादिर न हो, तो बैठ कर इशारे से पढ़े और अगर बैठ कर पढ़ने की ताकत न रखता हो तो लेट कर पढ़े।


4. एक सुन्नत के बारे में

हर नमाज़ के लिये वुजू करना

हजरत अनस (र.अ) बयान करते हैं के,

आप (ﷺ) की आदते शरीफा थी, के बा वुजू होने के बावजूद हर नमाज के लिये ताज़ा वुजू फरमाते और हम लोग कई नमाजें एक ही वुजू से पढ़ते थे।

📕 अबू दाऊद : १७१


5. एक अहेम अमल की फजीलत

गुनाहों की मगफिरत का वजीफा

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया :

“ज़मीन पर जो शख्स भी “La ilaha illallah, Wallahu Akbar, La Hawla Wala Quwwata Illa Billahil Aliyyil Azeem” पढ़ता है, तो उस के तमाम गुनाह माफ हो जाते हैं ख्वाह समन्दर के झाग के बराबर हों।”

📕 तिर्मिज़ी : ३४६०


6. एक गुनाह के बारे में

दोज़ख़ के मुस्तहिक

रसूलुल्लाह (ﷺ) फ़रमाते हैं के :

“क्या मैं तुम्हें जहन्नमी लोगों के बारे में न बताऊँ ?
हर सख्त मिजाज, बद अख्लाक और
तकब्बुर करने वाला ( जहन्नमी है )”

📕 बुखारी : ६०७१


7. दुनिया के बारे में

दुनिया में चैन व सुकून नहीं है

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फरमाया:

“खबरदार ! दुनिया के बारे में जो कुछ मैं जानता हूँ, अगर तुम भी जानने लगो,
तो तुम्हें कभी दुनिया में चैन नसीब न हो।”

📕 मुस्तदरक हाकिम : ६६४०


8. आख़िरत के बारे में

क़यामत के दिन लोगों की हालत

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फर्माया :

“क़यामत के रोज़ सूरज एक मील के फासले पर होगा और उसकी गर्मी में भी इज़ाफा कर दिया जाएगा, जिस की वजह से लोगों की खोपड़ियों में दिमाग़ इस तरह उबल रहा होगा जिस तरह हाँड़ियाँ जोश मारती हैं, लोग अपने गुनाहों के बक़द्र पसीने में डूबे हुए होंगे, बाज टखनों तक, बाज़ पिंडलियों तक, बाज कमर तक और बाज़ के मुंह में लगाम की तरह होगा।”

📕 मुस्नदे अहमद : २१६८२


9. तिब्बे नबवी से इलाज

जोड़ों के दर्द का इलाज

रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:

“अंजीर खाओ ( फिर उस की अहेमियत बताते हुए इर्शाद फर्माया ) अगर मैं कहता के जन्नत से कोई फल उतरा है तो यही है, क्योंकि जन्नत के फलों में गुठली नहीं है ( और अंजीर का यही हाल है ) लिहाज़ा इसे खाओ, इस लिये के यह बवासीर को खत्म करता है और जोड़ों के दर्द में मुफीद है।”

📕 कन्जुल उम्माल: २८२७६


10. क़ुरान की नसीहत

तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो

कुरआन में अल्लाह तआला फरमाता है :

तुम्हारे रब ने फरमाया है के मुझ से दुआ माँगो मैं तुम्हारी दुआ कबूल करूँगा, बिला शुबा जो लोग मेरी इबादत करने से एराज़ करते हैं, वह अन्ज़रीब ज़लील हो कर जहन्नम में दाखिल होंगे।”

📕 सूरह मोमिन ६०

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Dard ki Dua | हर दर्द से निजात की दुआ https://ummat-e-nabi.com/har-dard-se-nijat-ki-dua/ https://ummat-e-nabi.com/har-dard-se-nijat-ki-dua/#comments Fri, 15 Jul 2022 13:03:08 +0000 https://ummat-e-nabi.com/har-dard-se-nijat-ki-dua/ Har Dard se nijat ki Dua | Badan Dard, Pait Dard, Sir Dard ki DuaDard ki Dua | हर दर्द से निजात की दुआ | "आऊजु बिल्लाहि वा क़ुदरतीही मीन शर्री मा अजिदु वा ऊहाझीरु"

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Dard ki Dua

हर दर्द से निजात की दुआ

۞ उस्मान बिन अबी अल आस (र.अ.) से रिवायत है के, उन्होंने रसूलअल्लाह (ﷺ) से दर्द की शिकायत की जिसे वो अपने जिस्म में इस्लाम लाने के वक्त महसूस कर रहे थे, आप  (ﷺ) ने फ़रमाया

“तुम अपना हाथ दर्द की जगह पर रखो और कहो,
बिस्मिल्लाह तीन बार, उसके बाद सात बार ये कहो

أَعُوذُ بِاللَّهِ وَقُدْرَتِهِ مِنْ شَرِّ مَا أَجِدُ وَأُحَاذِرُ

“आऊजु बिल्लाहि वा क़ुदरतीही मीन शर्री मा अजिदु वा ऊहाझीरु”

(मैं अल्लाह की जात और कुदरत से हर उस चीज़ से पनाह मांगता हु जिसे मैं महसूस करता हु और जिस से मैं खौफ करता हु)

📕 सहीह मुस्लिम २२०२, बुक ३९, हदीस ९१

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